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Monday, January 16, 2023

Netaji Subhash Chandra Bose biography ।। नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जीवनी


 विश्व इतिहास में 23 जनवरी 1897 (23rd January 1897) का दिन स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इस दिन स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक सुभाषचंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) का जन्म कटक के प्रसिद्ध वकील जानकीनाथ तथा प्रभावती देवी के यहां हुआ था। उनके पिता ने अंगरेजों के दमनचक्र के विरोध में 'रायबहादुर' की उपाधि लौटा दी। इससे सुभाष के मन में अंगरेजों के प्रति कटुता ने घर कर लिया। 


अब सुभाष अंगरेजों को भारत से खदेड़ने व भारत को स्वतंत्र कराने का आत्मसंकल्प ले, चल पड़े राष्ट्रकर्म की राह पर। आईसीएस की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद सुभाष ने आईसीएस से इस्तीफा दिया। इस बात पर उनके पिता ने उनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा- 'जब तुमने देशसेवा का व्रत ले ही लिया है, तो कभी इस पथ से विचलित मत होना।' 

 
दिसंबर 1927 में कांग्रेस पार्टी (Congress) के राष्ट्रीय महासचिव (National secretary General) के बाद 1938 में उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President) चुना गया। उन्होंने कहा था- मेरी यह कामना है कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के नेतृत्व में ही हमें स्वाधीनता की लड़ाई लड़ना है। हमारी लड़ाई केवल ब्रिटिश साम्राज्यवाद से नहीं, विश्व साम्राज्यवाद से है। धीरे-धीरे कांग्रेस से सुभाष का मोह भंग होने लगा। 

16 मार्च 1939 को सुभाष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सुभाष ने आजादी के आंदोलन को एक नई राह देते हुए युवाओं को संगठित करने का प्रयास पूरी निष्ठा से शुरू कर दिया। इसकी शुरुआत 4 जुलाई 1943 को सिंगापुर में 'भारतीय स्वाधीनता सम्मेलन' के साथ हुई। 

5 जुलाई 1943 को 'आजाद हिन्द फौज' का विधिवत गठन हुआ। 21 अक्टूबर 1943 को एशिया के विभिन्न देशों में रहने वाले भारतीयों का सम्मेलन कर उसमें अस्थायी स्वतंत्र भारत सरकार की स्थापना कर नेताजी ने आजादी प्राप्त करने के संकल्प को साकार किया।

12 सितंबर 1944 को रंगून के जुबली हॉल में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेताजी (Subhash Chandra Bose) ने अत्यंत मार्मिक भाषण देते हुए कहा- 'अब हमारी आजादी निश्चित है, परंतु आजादी बलिदान मांगती है। आप मुझे खून दो, मैं आपको आजादी दूंगा।' यही देश के नौजवानों में प्राण फूंकने वाला वाक्य था, जो भारत ही नहीं विश्व के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। 
 
16 अगस्त 1945 को टोक्यो के लिए निकलने पर ताइहोकु हवाई अड्डे पर नेताजी का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 18 अगस्त (18 August 1945) को स्वतंत्र भारत की अमरता का जयघोष करने वाला, भारत मां के दुलारे नेताजी सुभाष चंद्र बोस सदा के लिए, राष्ट्रप्रेम की दिव्य ज्योति जलाकर अमर हो गए। 

विचार :

1. तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा|
2. याद रखिये – सबसे बड़ा अपराध, अन्याय को सहना और गलत व्यक्ति के साथ समझौता करना हैं|
3. यह हमारा फर्ज हैं कि हम अपनी आजादी की कीमत अपने खून से चुकाएं| हमें अपने त्याग और बलिदान से जो आजादी मिले, उसकी रक्षा करनी की ताकत हमारे अन्दर होनी चाहिए|
4. मेरा अनुभव हैं कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती|
5. जो अपनी ताकत पर भरोसा करता हैं, वो आगे बढ़ता है और उधार की ताकत वाले घायल हो जाते हैं|
6. हमारा सफर कितना ही भयानक, कष्टदायी और बदतर हो सकता हैं लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना ही हैं| सफलता का दिन दूर हो सकता हैं, लेकिन उसका आना अनिवार्य ही हैं|

        नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वाधीनता संग्राम के उन योद्धाओं में से एक हैं जिनका नाम और जीवन आज भी करोड़ों देशवासियों को मातृभमि के लिए समर्पित होकर कार्य करने की प्रेरणा देता है
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                             Hanuman chalisa



दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥


शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥

विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर॥७॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥

लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

राम दुआरे तुम रखवारे
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥

भूत पिशाच निकट नहि आवै
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥

नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

संकट तै हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता॥३१॥

राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥

और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

जै जै जै हनुमान गुसाईँ
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥


Monday, June 14, 2021

माधव ने कहा : मामले को राजनैतिक रंग देने की कोशिश, जांच के बाद दोषी पर हो कार्यवाही।

 अपने ऊपर कुछ दिनों से लग रहे आरोपों पर माधव झा गंगौर निवासी ने फेसबुक पर लाइव आ कर सफाई दी।  उन्होंने कहा विनोद नारायण झा मेरे ग्रामीण हैं और कुछ नहीं। काफी दिनों से हमारी बात भी नहीं हुई है। बस एक ग्रामीण होने के नाते और इस मामले को राजनैतिक रंग देने के लिए बार बार उनका नाम घसीटा जा रहा है। 


  



  माधव झा ने माना कि उनका प्रेम प्रसंग चल रहा था लेकिन जहा तक शादी की बात है तो इससे उन्होंने साफ इंकार कर दिया।  अपने लाइव के माध्यम से माधव ने बताया कि सिर्फ एक तरफ का बयान लेकर मामले को तोड मरोर कर पेश किया जा रहा है। पारदर्शिता तब होगी जब दोनों तरफ से बयान लिया जाए। उसने कहा कि मामले को तूल पकड़ने के लिए अलग अलग लोगो और संगठनों का नाम घसीटा जा रहा है। मैंने पूर्व में इसी आशंका के कारण थाना और sdo के समक्ष आवेदन दिया था।  उसके पहले मेरे ग्राम के 200 ग्रामीणों के समक्ष भी इस पर बात विचार कर के समाधान निकाला गया था। जिसके बाद लड़की चंडीगढ़ चली गई थी। इसके बाद मेरे ग्राम में भी बैठक हुआ जिसमें शादी के लिए मैंने समय मांगा था जिस समय उसके प्रेगनेंट होने के बारे में मुझे कुछ भी नहीं बताया गया। और अब अचानक से मुझे पता चला कि लड़की 6 महीने की प्रेगनेंट है। जिसके बाद हम मुकर गए। की पहले जांच किया जाए उसके बाद आगे की कार्यवाही हो।








माधव झा ने कहा है कि अगर मैंने ज्योति से शादी की हो या पूर्व मंत्री  श्री विनोद नारायण झा ने कहीं से भी मुझे बचाने की कोशिश की हो तो मुझे हर सजा मंजूर है। लेकिन सबसे पहले इसकी जांच की जाए। मनमाने ढंग से मीडिया बंधु कोर्ट की भूमिका ना निभाए। और पहले लड़की खुद को m.b.b.s. बता रही थी और अबकी बार C.B.I. इंस्पेक्टर बता रही है  जिसका फर्जी आइ कार्ड भी उसके पास है जिसकी जांच की जाए। 




आपको बताते चले की ये मामला सेप्टेंबर 2018 से चल रहा था। माधव और ज्योति एक उपनयन में मिले थे और फिर फेसबुक के माध्यम से फ्रेंड बने थे।  और ये मामला सेप्टेंबर 2020 से चल रहा है। माधव के अनुसार लड़की तीसरी बार उनके घर पर पहुंची है। माधव ने कहा कि मैं पहले शादी के लिए तैयार था लेकिन बार बार लड़की के झूठ के कारण वो मुकर गए। अब पहले मामले की तह तक जांच हो और दोषी पर कार्यवाही हो। 






   एक जिम्मेदार न्यूज चैनल होने के कारण हम किसी भी पक्ष से किसी का भी फोटो नहीं डाल रहे। आपकी असुविधा के लिए हमें खेद है।




  

Saturday, May 29, 2021

जाने इन दिनों फैल रही व्हाट्सएप में वायरल मैसेज की सच्चाई

इन दिनों व्हाट्सएप में फर्जी न्यूज़ काफी वायरल हो रही है

सोशल मीडिया पर हर रोज तमाम के तरह के झूठे और सच्चे मैसेज वायरल होते हैं। कई बार उसी प्लेटफॉर्म पर उसी के बारे में गलत मैसेज वायरल होने लगते हैं। इस बार कुछ ऐसा ही व्हाट्सएप के साथ हुआ है। व्हाट्सएप के बारे में ही एक मैसेज व्हाट्सएप पर ही वायरल किया जा रहा है। व्हाट्सएप पर वायरल हो रहे इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि व्हाट्सएप में अब रेड टिक भी दिखेगा जिसका मतलब यह है कि आपके मैसेज पर सरकार का कंट्रोल है और वह आपके मैसेज को पढ़ रही है। आइए जानते हैं इस मैसेज की सच्चाई के बारे में। 

Whatsapp news
#whatsappviralnews


वायरल मैसेज में किया जा रहा दावा

"व्हाट्सएप और फोन कॉल के लिए नए संचार नियम कल से लागू होंगे -
Tʜᴇ ɴᴇᴡ ᴄᴏᴍᴍᴜɴɪᴄᴀᴛɪᴏɴ ʀᴜʟᴇs ғᴏʀ WʜᴀᴛsAᴘᴘ ᴀɴᴅ WʜᴀᴛsAᴘᴘ Cᴀʟʟs (Vᴏɪᴄᴇ ᴀɴᴅ Vɪᴅᴇᴏ Cᴀʟʟs) ᴡɪʟʟ ʙᴇ ɪᴍᴘʟᴇᴍᴇɴᴛᴇᴅ ғʀᴏᴍ ᴛᴏᴍᴏʀʀᴏᴡ: -

01. Aʟʟ ᴄᴀʟʟs ᴡɪʟʟ ʙᴇ ʀᴇᴄᴏʀᴅᴇᴅ.
02. Aʟʟ ᴄᴀʟʟ ʀᴇᴄᴏʀᴅɪɴɢs ᴡɪʟʟ ʙᴇ sᴀᴠᴇᴅ.
03. WʜᴀᴛsAᴘᴘ, FᴀᴄᴇBᴏᴏᴋ, Tᴡɪᴛᴛᴇʀ, Iɴsᴛᴀɢʀᴀᴍ ᴀɴᴅ ᴀʟʟ sᴏᴄɪᴀʟ ᴍᴇᴅɪᴀ ᴡɪʟʟ ʙᴇ ᴍᴏɴɪᴛᴏʀᴇᴅ.
04. Yᴏᴜʀ ᴅᴇᴠɪᴄᴇs ᴡɪʟʟ ᴄᴏɴɴᴇᴄᴛ ᴛᴏ ᴛʜᴇ Mɪɴɪsᴛʀʏ sʏsᴛᴇᴍ.
05. Tᴀᴋᴇ ᴄᴀʀᴇ ɴᴏᴛ ᴛᴏ sᴇɴᴅ ᴛʜᴇ ᴡʀᴏɴɢ ᴍᴇssᴀɢᴇ ᴛᴏ ᴀɴʏᴏɴᴇ.
06. Tᴇʟʟ ʏᴏᴜʀ ᴄʜɪʟᴅʀᴇɴ, sɪʙʟɪɴɢs, ʀᴇʟᴀᴛɪᴠᴇs, ғʀɪᴇɴᴅs, ᴀᴄϙᴜᴀɪɴᴛᴀɴᴄᴇs ᴛʜᴀᴛ ʏᴏᴜ sʜᴏᴜʟᴅ ᴛᴀᴋᴇ ᴄᴀʀᴇ ᴏғ ᴛʜᴇᴍ ᴀɴᴅ ʀᴀʀᴇʟʏ ʀᴜɴ sᴏᴄɪᴀʟ sɪᴛᴇs.
07. Dᴏ ɴᴏᴛ sᴇɴᴅ ᴀɴʏ ʙᴀᴅ ᴘᴏsᴛ ᴏʀ ᴠɪᴅᴇᴏ ᴀɢᴀɪɴsᴛ ᴛʜᴇ ɢᴏᴠᴇʀɴᴍᴇɴᴛ ᴏʀ ᴛʜᴇ Pʀɪᴍᴇ Mɪɴɪsᴛᴇʀ ʀᴇɢᴀʀᴅɪɴɢ ᴘᴏʟɪᴛɪᴄs ᴏʀ ᴛʜᴇ ᴄᴜʀʀᴇɴᴛ sɪᴛᴜᴀᴛɪᴏɴ.
08. Iᴛ ɪs ᴄᴜʀʀᴇɴᴛʟʏ ᴀ ᴄʀɪᴍᴇ ᴛᴏ ᴡʀɪᴛᴇ ᴏʀ sᴇɴᴅ ᴀ ʙᴀᴅ ᴍᴇssᴀɢᴇ ᴏɴ ᴀɴʏ ᴘᴏʟɪᴛɪᴄᴀʟ ᴏʀ ʀᴇʟɪɢɪᴏᴜs ɪssᴜᴇ, ᴅᴏɪɴɢ sᴏ ᴄᴀɴ ʟᴇᴀᴅ ᴛᴏ ᴀʀʀᴇsᴛ ᴡɪᴛʜᴏᴜᴛ ᴀ ᴡᴀʀʀᴀɴᴛ.
09. Tʜᴇ ᴘᴏʟɪᴄᴇ ᴡɪʟʟ ɪssᴜᴇ ᴀ ɴᴏᴛɪғɪᴄᴀᴛɪᴏɴ, ᴛʜᴇɴ ʙᴇ ᴘʀᴏsᴇᴄᴜᴛᴇᴅ ʙʏ Cʏʙᴇʀ Cʀɪᴍᴇ, ᴡʜɪᴄʜ ɪs ᴠᴇʀʏ sᴇʀɪᴏᴜs.
10. Aʟʟ ʏᴏᴜ ɢʀᴏᴜᴘ ᴍᴇᴍʙᴇʀs, ᴍᴏᴅᴇʀᴀᴛᴏʀs ᴘʟᴇᴀsᴇ ᴄᴏɴsɪᴅᴇʀ ᴛʜɪs ɪssᴜᴇ.
11. Bᴇ ᴄᴀʀᴇғᴜʟ ɴᴏᴛ ᴛᴏ sᴇɴᴅ ᴛʜᴇ ᴡʀᴏɴɢ ᴍᴇssᴀɢᴇ ᴀɴᴅ ʟᴇᴛ ᴇᴠᴇʀʏᴏɴᴇ ᴋɴᴏᴡ ᴀɴᴅ ᴛᴀᴋᴇ ᴄᴀʀᴇ ᴏғ ᴛʜᴇ sᴜʙᴊᴇᴄᴛ.

Bᴇ ᴍᴏʀᴇ ᴀᴡᴀʀᴇ ᴏғ ᴀʟʟ ɪɴ ᴛʜᴇ ɢʀᴏᴜᴘ ...

Iᴍᴘᴏʀᴛᴀɴᴛ ɪɴғᴏʀᴍᴀᴛɪᴏɴ ᴀʙᴏᴜᴛ WʜᴀᴛsAᴘᴘ's ɴᴇᴡ ʀᴜʟᴇs ᴛᴏ ɢʀᴏᴜᴘ ᴍᴇᴍʙᴇʀs ...

1. ✓ = ᴍᴇssᴀɢᴇ sᴇɴᴛ.
 2. ✓✓ = ᴍᴇssᴀɢᴇ ʀᴇᴀᴄʜᴇᴅ.
 3. Tᴡᴏ ʙʟᴜᴇ ✓✓= ᴍᴇssᴀɢᴇ ʀᴇᴀᴅ.
Tʜʀᴇᴇ ʙʟᴜᴇ ✓✓✓ = Tʜᴇ ɢᴏᴠᴇʀɴᴍᴇɴᴛ ᴛᴏᴏᴋ ɴᴏᴛᴇ ᴏғ ᴛʜᴇ ᴍᴇssᴀɢᴇ.
 5. Tᴡᴏ ʙʟᴜᴇ ✓✓ ᴀɴᴅ ᴏɴᴇ ʀᴇᴅ ✓= ᴛʜᴇ ɢᴏᴠᴇʀɴᴍᴇɴᴛ ᴄᴀɴ ᴛᴀᴋᴇ ᴀᴄᴛɪᴏɴ ᴀɢᴀɪɴsᴛ ʏᴏᴜ.
 6. Oɴᴇ ʙʟᴜᴇ✓ ᴀɴᴅ ᴛᴡᴏ ʀᴇᴅ✓✓ = ᴛʜᴇ ɢᴏᴠᴇʀɴᴍᴇɴᴛ ɪs ᴄʜᴇᴄᴋɪɴɢ ʏᴏᴜʀ ɪɴғᴏʀᴍᴀᴛɪᴏɴ.
 7. Tʜʀᴇᴇ ʀᴇᴅ ✓✓✓ = Tʜᴇ ɢᴏᴠᴇʀɴᴍᴇɴᴛ ʜᴀs sᴛᴀʀᴛᴇᴅ ᴘʀᴏᴄᴇᴇᴅɪɴɢs ᴀɢᴀɪɴsᴛ ʏᴏᴜ ᴀɴᴅ ʏᴏᴜ ᴡɪʟʟ ɢᴇᴛ ᴀ ᴄᴏᴜʀᴛ sᴜᴍᴍᴏɴs sᴏᴏɴ. 

Bᴇ ᴀ ʀᴇsᴘᴏɴsɪʙʟᴇ ᴄɪᴛɪᴢᴇɴ ᴀɴᴅ sʜᴀʀᴇ ᴡɪᴛʜ ʏᴏᴜʀ ғʀɪᴇɴᴅs ...

आखिर क्या है इस वायरल मैसेज की सच्चाई

इस मैसेज में किए जा रहे सभी दावे फर्जी हैं। व्हाट्सएप ने इस तरह के किसी अपडेट का अभी तक कोई एलान नहीं किया है। यह आपको पहले से ही मालूम है कि मैसेज सेंड होने के बाद एक टिक, डिलीवर होने के बाद दो टिक और पढ़े जाने के बाद दो ब्लू दिखते हैं। इसके अलावा मैसेज में किए जा रहे सभी दावे अफवाह हैं। आपको साफतौर पर बता दें कि पहले की तरह ही आपको ग्रे और ब्लू टिक दिखते रहेंगे। यदि आपके पास भी इस तरह का मैसेज आया है तो उसे डिलीट करें और किसी को फॉरवर्ड करके अफवाह ना फैलाएं।


Saturday, May 22, 2021

व्हाइट फंगस की दस्तक से मुश्किलें बढ़ी

 वाइट फंगस, ब्लैक फंगस के मुकाबले ज्यादा घातक

White fungus
#whitefungus


कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस की दस्तक से मुश्किलें बढ़ गई हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. विजयनाथ मिश्रा बताते हैं कि व्हाइट फंगस को चिकित्सकीय भाषा में कैंडिडा कहते हैं। ये फंगस फेफड़ों के साथ रक्त में घुसने की क्षमता रखता है। रक्त में पहुंचने पर इसे कैंडिडिमिया कहते हैं।

व्हाइट फंगस इसलिए अधिक खतरनाक है क्योंकि शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। फेफड़ों तक पहुंचे, तो लंग बॉल कहते हैं। सीटी स्कैन जांच में फेफड़ों के भीतर यह गोल-गोल दिखाई देता है।
कोरोना से सर्वाधिक नुकसान फेफड़ों को हो रहा है।व्हाइट फंगस भी फेफड़ों पर हमला करता है। अगर कोरोना मरीजों में इसकी पुष्टि हुई, तो जान को खतरा बढ़ सकता है।


शरीर के हर अंग में असर हो सकता है
डॉ. मिश्रा बताते हैं, ये फंगस त्वचा, नाखून, मुंह के भीतरी हिस्से, आमाशय, किडनी, आंत व गुप्तागों के साथ मस्तिष्क को भी चपेट में ले सकता है। मरीज की मौत ऑर्गन फेल होने से हो सकती है। जो ऑक्सीजन या बॉटलेटर पर हैं, उनके उपकरण जीवाणु मुक्त होने चाहिए जो ऑक्सीजन फेफड़े में जाए वह फंगस से मुक्त होनी चाहिए।


पटना में व्हाइट फंगस के दो मरीज कोरोना निगेटिव भी है। डॉ . मिश्रा बताते हैं , संभव है की उनकी इम्युनिटी कमजोर हो । इससे वायरस ने नाक में प्रसार नहीं किया और भीतर चला गया। जब स्वैब से सैंपल लिया तो उसमें वायरस नहीं मिला। इस तरह के मामलों में स्कैन के जरिए ही असल संक्रमण की पुष्टि होती है ।

नवजात शिशु में भी संभव पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के विभागाध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह बताते है कि व्हाइट और ब्लैक फंगस कोई नया नहीं है। व्हाइट फंगस में चेस्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यह नवजात शिशु में भी हो सकता है। उन्होंने बताया, जिन मरीज का रैपिड एंटीजन और आरटी पीसीआर नेगेटिव है। उन्हें भी फंगस का टेस्ट कराना चाहिए।

वाइट फंगस के लक्षण

  • संक्रमण जोड़ों तक पहुंच गया तो आर्थराइटिस जैसी तकलीफ महसूस होगी, चलने-फिरने में दिक्कत संभव।
  • मस्तिष्क तक पहुंचा तो सोचने विचारने की क्षमता पर असर, सिर में दर्द या अचानक दौरा आने लगेगा
  • त्वचा पर छोटा और दर्द रहित गोल फोड़ा जो संक्रमण की चपेट में आने के एक से दो सप्ताह में हो सकता है।
  • व्हाइट फंगस फेफड़ों में पहुंच गया तो खांसी, सांस में दिक्कत, सीने में दर्द और बुखार भी हो सकता है।

गोरा होने के घरेलू उपाय

 प्राकृतिक तरीके से पाएं स्वच्छ एवं सुंदर त्वचा

Health tips
#Skincare


आजकल की बहुत व्यस्त दिनचर्या में अक्सर आपको अपनी त्वचा की देखभाल का समय नहीं मिल पाता होगा। लेकिन वातावरण में मौजूद धूल-मिट्टी, प्रदूषण यानी पलूशन के कण, बदलता मौसम ये सब अपना काम बिना रुके करते रहते हैं और आपकी त्वचा की रंगत फिकी होने लगती है। इसके साथ-साथ हम सभी अपने चेहरे के किसी न किसी हिस्से को लेकर असंतुष्ट रहते हैं और मौक़ा मिलते ही उसे सुधार लेना चाहते हैं। महिलाओं की बात की जाए तो इस मामले में वे अपनी रंगत को सुधारना चाहती हैं ।वे गोरा होने के उपाय जानना चाहती हैं, पर वो भी ऐसे उपाय, जिनका कोई साइड इफ़ेक्ट न हों यानी जो पूरी तरह प्राकृतिक हों।

आपकी इस इच्छा को ध्यान में रखते हुए हमने कुछ ऐसी आदतों पर ध्यान दिया है, जिन्हें रोज़ाना अपनाकर आप गोरा रंग पा सकती हैं। हम आपके लिए यहां गोरे होने के घरेलू नुस्खे भी दे रहे हैं, ताकि आप इनका इस्तेमाल कर अपनी त्वचा की रंगत को निखार सकें।


क्या आप भी गोरी स्किन पाना चाहते है। आजकल गोरी स्किन के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं, फिर भी स्किन गोरी नहीं होती हैं। ऐसे में वे ये भूल जाती हैं कि उनके घर में भी ऐसी बहुत सी चीजे होती हैं जिनका इस्तेमाल करके वह खूबसूरत स्किन पा सकती है।

चलो आपको बताते हैं सेंधा नमक के बारे में, जिसका आप यूज खाने के लिए करते हैं। सेंधा नमक में ऐसे कई गुण पाए जाते हैं जो त्वचा को हैल्दी रखने में काफी मददगार साबित होते हैं। जानिए इसके ब्यूटी लाभ के बारे में.

नमक और जैतून का तेल का इस्तेमाल

थोड़े नमक में जैतून का तेल मिला लीजिए। अब यह पेस्ट अपने चेहरे पर लगाएं तथा स्क्रब की तरह रगडना चाहिए।

ऐसा करने से चेहरे की सारी डेड स्किन बाहर निकल जाएगी। इन सबके अलावा सेंधा नमक का यूज करने से चेहरे सिर्फ गोरा  ही नहीं बल्कि कील-मुंहासे और ब्लैकहेड्स जैसी परेशानियों से भी निजात मिलता है।

नमक तथा ओटमील (स्क्रब)

ओटमील तथा सेंधा नमक को अच्छी तरह मिला लीजिए तथा इसमें कुछ बूंदे नींबू के रस और बादाम के तेल की मिक्स कीजिए। अब इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाकर स्क्रब तैयार कर लीजिए। फिर इससे अपने चेहरे पर हल्के हाथों से स्क्रब कीजिए। कुछ देर स्क्रब करने के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लीजिए।


मैदे का उपयोग

मैदा स्‍किन पर जमी हुई डेड स्किन सेल्स को निकालता है। जिससे स्किन पोर्स अच्‍छी तरह से साफ हो जाते हैं। यह गहराई से अंदर जाता है और पोर्स की सफाई करता है। फेस पैक बनाने के लिए मैदा, टमाटर, दही, शहद और मिल्‍क पाउडर मिक्‍स करें। इस मास्क को अपनी त्वचा पर लगाएं और इसे पूरी तरह सूखने दें। उसके बाद चेहरे को पानी से धो लें।


नींबू और टमाटर का उपयोग

सेंसिटिव स्किन के लिए यह फेस पैक काफी असरदार है। इसके लिए सबसे पहले टमाटर के पल्प निकाल लें। इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें डालकर अच्छी तरह से मिला लें। अब इस फेस पैक को चेहरे पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें। बाद में पानी से चेहरा धो लें।


संतरे के छिलके से पाएं ग्लोइंग स्किन
संतरे के छिलके स्किन के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसके लिए सबसे पहले संतरे के छिलकों को सुखाकर पीस लें। इस पाउडर में ब्राउन शुगर मिलाकर उसमें गुलाबजल की कुछ बूंदे डालें। अब इस मिश्रण को चेहरे पर लगाकर सर्कुलर मोशन में स्क्रब करें। बाद में पानी से चेहरा धो लें। इस नुस्खे से चेहरे की डेड स्किन को हटाने में मदद मिलती है जिससे चेहरा साफ और ग्लोइंग बनता है।


चंदन पाउडर से बढ़ेगी चेहरे की रौनक

चेहरे की रंगत सुधारने के लिए चंदन पाउडर काफी असरदार है। इसके लिए आधा चम्मच चंदन पाउडर लेकर उसमें चुटकी भर हल्दी और 4 बूंद बादाम का तेल मिक्स कर लें। इसके बाद इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे को पर्याप्त पोषण मिलता है और चेहरे से डार्क स्पॉट रिमूव हो जाते हैं। साथ ही चेहरे की रंगत में भी सुधार होता है।


बेसन और दही का उपयोग

चेहरे से कालेपन को हटाने के लिए बेसन, हल्दी और दही का मिश्रण बना लें। इसे चेहरे पर लगाकर स्क्रब करें। 15 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दें। बाद में पानी से चेहरा धो लें। इससे पोर्स अंदर से साफ होते हैं और चेहरा कुछ ही देर में गोरा दिखने लगता है।

एलोवेरा जेल से पाएं ग्लोइंग त्वचा

ताजा एलो वेरा जैल से चेहरा धोने पर चेहरा गोरा और साफ हो जाता है। इसे उपयोग से चेहरे पर मौजूद गंदगी और कीटाणु को पूरी तरह से साफ किया जा सकता है। साबुन के स्थान पर एलो वेरा का उपयोग करने पर चेहरे की जलन को कम किया जा सकता है एवं इसे भीतर से पोषकता प्रदान करने में मदद की जा सकती है। एलो वेरा एक प्राकृतिक औषधि है जिसका इस्तेमाल शरीर और चेहरे पर होने वाली फोड़े-फुंसियों को रोकने में किया जाता है। इसके अलावा चेहरे पर किसी भी तरह के दाग-धब्बे या निशान को साफ करने में भी एलो वेरा जैल बहुत उपयोगी साबित हुआ है।

Friday, May 21, 2021

चेस सीखना है तो अभी क्लिक करें। How to play chess


 


चेस सीखना है तो अभी क्लिक करें।

How to play chess


कहते हैं चेस या शतरंज खेल का जन्म भारत में एक ब्राह्मण जो की बुद्धि शिरोमणि थे उनके द्वारा पांचवीं छठी सदी में विश्व को तोहफे के रूप में दिया गया। शतरंज का प्राचीन नाम चतुरंग था जो भारत से अरब के रास्ते यूरोप पहुंच गया और फिर 15-16 शताब्दी तक बहुत प्रचलित हो गया। 

वर्तमान समय के इसके सर्वोच्च नियंत्रण वर्ल्ड चेस फेडेरशन के पास है। शतरंज को वर्ष 1900 में ओलंपिक में शामिल किया गया। 

वैसे तो शतरंज दिमाग का खेल है जो दो व्यक्तियों द्वारा खेला जाता है लेकिन इसके विश्लेषण और खेल को याद रखने के लिए इसे लिखा जाता है। शतरंज सामान्यतः बोर्ड पर ही खेला जाता है जिसमें 64 खाने होते है। 32 सफेद और 32 काले । एक व्यक्ति सफेद चुनता है और एक काला। सफेद की चाल पहले आती है और एक शोध में देखा गया था कि लगभग 75% जीतने का चांस सफेद का ही होता है क्युकी चाल उसके एक दाव के अनुसार ही अंत तक चलता है। 

Chess play
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सैनिकों की संख्या और क्रम


देखा जाए तो शतरंज एक तरह का युद्ध है जिसमें राजा अपने सैनिकों मंत्री के सहारे युद्ध लड़ता है। यह मस्तिष्क के कसरत कराने की अद्भुत विधि है जिसमें आपके दाव से ज्यादा आपकी रणनीति बनाने की कला को देखा जाता है। इस खेल में मध्य में एक राजा, एक रानी , दो उंट , दो घोड़े और उसके बाद दो हाथी रखे होते हैं। और आगे वाली खाड़ी में 8 प्यादे होते हैं। 



मोहरे और उन्हें व्यवस्थित करने का तरीका।

लिखने के लिए उपरोक्त घरों के नामो का उपयोग करते हैं। जैसे a1, b1, ç3 इत्यादि।






किश्ति को हाथी और फील को उंट भी कहा जाता है। 


अगले ब्लॉग में हम आपको चालो के बारे में बताएंगे। कृपया हमारे साथ जुड़े रहे। धन्यवाद्। 

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Thursday, May 20, 2021

बंगाल और उड़ीसा में कहर बरसाएगा ये तूफान।।

 बंगाल और उड़ीसा में इस साल का दूसरा चक्रवात आ रहा है


देश के पश्चिमी तट पर टाक्टे तूफान की तबाही के बाद अब पूर्वी तट पर एक  तूफान की आहट सुनाई दे रही है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तरी अंडमान सागर और पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी में 22 मई तक बनने वाले हवा के दबाव के कारण एक और तूफान आकार ले सकता है। अगर ऐसा होता है तो 23 से 25 मई तक यह तूफान उड़ीसा और बंगाल के तटवर्ती इलाकों में कहर बरपा सकता है।


Yash cyclone

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 उत्तरी अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में हवा के दबाव से बन रहे आसार

मौसम विज्ञान विभाग के तूफान चेतावनी विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के दबाव से 22 मई या उसके बाद जो स्थितियां पैदा होगी वे अगले 72 घंटों में तूफान का रूप ले सकती है। विभाग के अनुसार दक्षिण पूर्वी मानसून 21 मई तक दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण बंगाल की खाड़ी में पहुंचने वाला है इन दोनों घटनाओं के अलावा मौसम संबंधी कुछ अन्य परिवर्तनों से 22 मई को पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर में नीम वायुदाब की स्थिति बन रही है। इसके प्रभाव से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 22 से 23 मई के बीच हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं कुछ स्थानों बहुत तेज बारिश की संभावना है।

वही उड़ीसा बंगाल असम मेघालय में 25 मई की शाम से कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। कुछ दूर दराज के स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है उल्लेखनीय है अप्रैल में में भी मानसून बारिश के दौरान देश के पूर्वी और पश्चिमी तट पर अक्सर समुद्री तूफान आते हैं। बीते साल इसी दौरान पूर्वी तट पर सुपर साइक्लोन अफ़वान और पश्चिमी तट पर गंभीर श्रेणी का तूफानी निसर्ग कहर बरपा चुका है।

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Monday, May 17, 2021

ब्लैक फंगस के बारे में अहम बातें

 ब्लैक फंगस कैसे फैलते हैं

कोरोना को हराने के 14 से 15 दिन बाद ब्लैक फंगस के मामले देखे जा रहे हैं। हालांकि, कुछ मरीजों में पॉजिटिव होने के दौरान भी यह पाया गया है। यह बीमारी सिर्फ उन्हें होती है जिनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। देश के 11 राज्यों में यह फैल चुका है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमितों में ब्लैक फंगस काफी देखने को मिल रहा है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि कोरोनावायरस की तरह ब्लैक फंगस में भी एक से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। इसका इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि यह कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है और एक से दूसरे व्यक्ति तक नहीं फैलता है। यह फंगस पहले से हमारे बीच हवा, मिट्टी, ऐसी गंदगी वाली जगहों में मौजूद थे। इस फंगस से उन लोगों को सतर्क रहना चाहिए, जिनकी  इम्युनिटी बहुत कमजोर है।

दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के ईएनटी डिपार्टमेंट के हेड डॉ मनीष मुंजाल कहते हैं कि ब्लैक फंगस के बीच हवा में उड़ रहे होते हैं, जो हमारे नाक में चले जाते हैं। हालांकि नाक में कई ऐसे सेल होते हैं जो इसे नष्ट कर देते हैं। जिन लोगों की इम्युनिटी कम होती है उनके नाक के सेल इन्हें  नष्ट नहीं कर पाते और यह बड़ी ही आसानी से प्रवेश कर जाते हैं। उनके अंदर यह जल्दी ग्रो कर जाते हैं। अब कोरोना के कारण मरीज  की इम्युनिटी और कम हो जाती है तो ये फंगस हावी हो जाता है। ऐसे में उन लोगों को ज्यादा खतरा है जो शुगर का मरीज है, कोशिश पेशेंट है और उसकी इम्यूनिटी कम है  हालांकि अगर समय रहते इसका पता लग जाए तो एंटीफंगल दवा से इसका इलाज संभव है।

थोड़ी सी सावधानी से ब्लैक फंगस से बचा जा सकता है

ब्लैक फंगस से बचने के लिए जरूरी है कि अच्छी क्वालिटी का मास्क पहने। इससे फंगस के बीज नाक में नहीं जाएंगे।

कहीं भी किसी भी काम के लिए बाहर निकले तो शारीरिक दूरी बना कर ही रखे।

घर में लगे एसी कूलर की सर्विस और सफाई का खास ध्यान रखें ।समय समय पर साफ सफाई करते रहे।

अगर घर में किसी कोरोना संक्रमित को ऑक्सीजन सिलेंडर लगा है तो थोड़े थोड़े समय पर पाइप बदलते रहे।

सबसे अहम यह है कि खांसी जुकाम व बुखार में self-medication ना करें दवा का मिक्सचर ब्लैक फंगस को ग्रो करने में मदद करती है।

म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस क्या है? अमेरिका के सीडीसी के मुताबिक, म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। लेकिन ये गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है।

इसके लक्षण क्या हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने ट्वीट कर बताया है कि आंखों में लालपन या दर्द, बुखार, खांसी, सिरदर्द, सांस में तकलीफ, साफ-साफ दिखाई नहीं देना, उल्टी में खून आना या मानसिक स्थिति में बदलाव ब्लैक फंगस के लक्षण हो सकते हैं।

ज्यादा स्टेरॉयड देने पर ब्लैक फंगस का खतरा
कोरोना से ठीक होने वाले या संक्रमण के दौरान मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं। इसके चलते मरीजों की मौत तक हो रही है। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, आमतौर पर पांच से 10 दिन तक ही स्टेरॉयड की जरूरत पड़ती है, इससे ज्यादा दिनों तक मरीज को यह दवाएं दी जाएं तो ब्लैक फंगस की आशंका काफी बढ़ जाती है। स्टेरॉयड दे रहे हैं तो मरीज की पूरी निगरानी करना भी स्वास्थ्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। ब्लैक फंगस से बचने के लिए मरीज की निगरानी बहुत जरूरी है।


इस्राएल का दमदार एक्शन।।

  ऐसा क्या है उस देश में की जिसका आज से 100 साल पहले नामो निशान नहीं था, जिनको हिटलर ने गई चंबरो में बंद करके मार डाला था, जाने कितने लोगो को दुनिया में कहा कहा भटकना पड़ा था आज वो अकेले ही पूरे मुस्लिम देशों के लिए सरदर्द बने हुए हैं। 

Israel news



इस्राइल का दमदार एक्शन।।

आज से कुछ साल पहले भी अपने दमदार एक्शन को दिखाते हुए इस देश ने 6 दिनों में 6 देशों को हरा कर दुनिया के लिए मिसाल साबित कर दी। आखिर कैसे 1 करोड़ से कम जनसंख्या वाला देश भारत जैसे विशाल अर्थव्यवस्था को हथियार और ड्रोन मुहैया करते हुए हर विपदा में इसकी मदद करता है।  तो आइए जानते हैं इस्राइल के दमदार एक्शन का राज। 

जी हा, ऊपर जिन जिन विशेषणों का प्रयोग किया गया है वो सब इस्राइल के संदर्भ में ही है। एक समय था जब यहूदियों को जमीन के टुकड़े के लिए दुनिया में दर बदर ठोकर खाना पर रहा था लेकिन अब वही यहूदी अब ग्रेटर इस्राइल बनाने जा रहे हैं। कुछ दिनों का इंतजार और कीजिए और देखिए तमाशा।।  हाल में ही गाजा से हमास द्वारा इस्राइल पर लिए गए आतंकवादी हमले का जिस तरह से इस्राइल जवाब दे रहा है लगता नहीं कि इस बार इस्राइल गाजा पट्टी या वेस्ट बैंक को छोड़ेगा।  इस बार फिलिस्तीन का नामो निशान मिटाने का विचार नेतन्याहू ने अवश्य कर लिया होगा जो उनके अगली बार सत्ता में आने की चाबी होगी। वैसे चीन जैसे देशों की छटपटाहट को आप समझ सकते हैं लेकिन उसकी लगाम तो अभी अमेरिका ने थाम रखी है।  जिस तरह की प्रशंसा हम इस्राइल की कर रहे है ठीक उसी प्रकार की प्रशंसा आयरन डोम की भी होनी चाहिए और हो भी रही है।  

Israel



क्या आप जानते हैं कि विजय और अस्तित्व रक्षा की लड़ाई में अक्सर जीत अस्तित्व के रखवालों की होती है। गोरिल्ला युद्ध भी इसी का परिणाम था। जिसके जनक तो शिवाजी महाराज थे लेकिन इसकी शुरुआत महाराणा  प्रताप ने की थी। अब होता क्या था कि राजपूत केसरी बाना पहनकर युद्ध में जाते थे और अंतिम समय तक सैकड़ों मुगलों को मार कर मर जाते थे। फिर भारत वर्ष के शेर योद्धा महाराणा प्रताप ने इसे समझा। उन्होंने सोचा कि राजपूत अपनी जान के अंत तक लड़ते रहते हैं और फिर शहीद हो जाते है। बचते हैं तो सिर्फ महिलाएं और बच्चे और फिर जबतक बच्चे बड़े होते हैं 10 साल बीत जाता है और फिर से नई शुरुआत करनी पड़ती है इसीलिए खुद को जिंदा रखो और छुप छुप कर लड़ाई लड़ते रहो। फिर महाराणा प्रताप ने भिलों की सेना बनाई और तब अकबर से लड़े। वहा भी स्वाभिमान जीता था और आज हम महाराणा प्रताप के रूप में किसी व्यक्ति को नहीं, किसी राजा को नहीं उसी स्वाभिमान को याद करते हैं। नहीं तो राजा तो बहुत थे जिन्होंने मौत के दर से अकबर की गुलामी कबूल कर ली थी पर घास की रोटी खा कर जो मौत को हरा दे वो महाराणा। 



 तो जिस स्वाभिमान की लड़ाई को महाराणा ने लड़ा था आज उसी लड़ाई को इस्राइल लड़ रहा है। इस्राइल  को पर है अगर हम कमजोर पड़े तो ये भेड़िए उसे नोच खाएंगे। उसका अस्तित्व नहीं बचेगा इसीलिए उसने अरस्तू के '' survival of fittest '' के नियम को समझा और अपने आप को संसाधनों की कमी के बावजूद हर रूप से फिर बना लिया। 


देखिए अगर आप और हम corona से बच गए तो जल्द ही ग्रेटर इस्राइल पर होने वाले विकास से रूबरू होंगे। 


   आपके लिए ये न्यूज लिखा है हमारे  इडिटर सौरभ ने। कैसा लगा कमेंट जरूर कीजिएगा। नमस्कार।

Sunday, May 16, 2021

नहीं तो बंद हो जाता आपका व्हाट्सएप

Whatsapp एप के फीचर्स और फंक्शन में नहीं होगी कटौती


इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप की तरफ से जनवरी में नई प्राइवेसी पॉलिसी को पेश किया गया था हालांकि नई प्राइवेसी पॉलिसी के बाद से व्हाट्सएप पर भारी दबाव है। ऐसे में व्हाट्सएप के स्टैंड में लगातार बदलाव देखा गया है। इससे पहले 15 मई तक प्राइवेसी पॉलिसी को ना स्वीकार करने पर व्हाट्सएप की तरफ से अकाउंट बंद करने का ऐलान किया गया था। 





सरकारी दबाव के बाद व्हाट्सएप में अपने रुख में बदलाव करते हुए कहा कि शर्त ना मानने वाले किसी भी यूजर्स के व्हाट्सएप अकाउंट को बंद नहीं किया जाएगा। व्हाट्सएप के कुछ फंक्शन को बंद करने के बाद उठी किन्तु अब व्हाट्सएप की तरफ से साफ किया गया है कि व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को नहीं मानने वाले किसी भी यूजर्स के व्हाट्सएप अकाउंट को बंद नहीं किया जाएगा। साथ ही किसी भी यूजर्स के फंक्शन को सीमित नहीं किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि 15 मई की डेडलाइन के बाद भी सभी यूजर्स का अकाउंट पहले की तरह जारी रहेंगे साथ ही सारे फीचर्स भी उपलब्ध रहेंगे।


व्हाट्सएप की ओर से कहा गया है कि कोविड- 19 के इस मुश्किल हालत में व्हाट्सएप दोस्तों और परिवार के साथ जुड़ने का एक बड़ा माध्यम है। ऐसे में कंपनी व्हाट्सएप के किसी भी फीचर्स में कोई कटौती नहीं करेगी। चाहे यूजर्स ने व्हाट्सएप पॉलिसी को स्वीकार किया हो या ना किया हो। कंपनी की माने तो ज्यादातर व्हाट्सएप यूजर्स ने नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है हालांकि जिन यूजर्स ने प्राइवेसी पॉलिसी एक्सेप्ट नहीं क्या है, उन्हें नोटिफिकेशन भेजा जाता रहेगा। कंपनी के मुताबिक नई प्राइवेसी पॉलिसी से किसी भी यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा नहीं होगा। अगर व्हाट्सएप पर दबाव ना बना होता तो बंद हो जाता आपका व्हाट्सएप। 

चक्रवाती तूफान टाक्टे की जाने लेटेस्ट अपडेट

 चक्रवाती तूफान टाक्टे की वजह से अब तक कितना हुआ नुकसान


चक्रवाती तूफान टाक्टे गोवा तट से टकराया है। वहां पणजी में इसका असर देखा गया। चक्रवाती तूफान के और जोर पकड़ने की आशंका के ध्यान में रखते हुए गुजरात को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आज ही इसके मुंबई से भी गुजरने की आशंका है। कर्नाटक में हुई तेज बारिश की वजह से 4 लोगों की मौत हुई राज्य में कुल 73 गांव से प्रभावित हुए समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार भारी बारिश एवं पेड़ गिरने से गोवा में एक व्यक्ति की मौत हुई। इस प्रकार अब तक साइक्लोन टाक्टे के कारण 5 लोगों की जान गई है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात टाक्टे बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और वह  गुजरात तट की ओर बढ़ रहा है। आईएमडी ने कहा कि उसने गुजरात तथा दमन एवं दीव के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।




गोवा में हुई मुसलाधर बारिश 

रविवार सुबह ये तूफान गोवा के समुद्री तट से टकरा गया। यहां समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। गोवा के तट पर तेज हवाओं के साथ-साथ मूसलाधार बारिश भी हो रही है। यहां कई पेड़ भी सड़क पर गिर गए हैं। चक्रवात ‘टाक्टे’ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने अपनी टीमों की संख्या 53 से बढ़ाकर 100 कर दी है।

तूफान को लेकर इन राज्यों में अलर्ट जारी किया गया

टाक्टे को लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी है। एक तरफ जहां कर्नाटक में साइक्लोन के बीच तेज बारिश की वजह से 4 लोगों की मौत हो गई और राज्‍य में कुल 73 गांव चक्रवाती तूफान से प्रभावित हुए हैं। वहीं महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि जिलों के साथ गोवा ज्यादातर बारिश और तेज हवाओं से प्रभावित होगा। हवा की गति लगभग 60 से 70 किमी प्रति घंटे होगी। तूफान ‘टाक्टे’ के कारण दक्षिणी राजस्थान के जोधपुर, उदयपुर, अजमेर व कोटा संभाग के जिलों में आंधी और बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।

चक्रवात ‘टाक्टे’ के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को तटवर्ती राज्यों के पार्टी नेताओं से बात की और कहा कि पार्टी के सदस्य लोगों की हरसंभव मदद करेंगे। गोवा, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, दमन और दीव तथा गुजरात के भाजपा के सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों ने नड्डा के साथ डिजिटल माध्यम से बात की। भाजपा अध्यक्ष ने बाद में ट्वीट किया कि चक्रवात ‘टाक्टे’ गोवा, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, दमन और दीव तथा गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों की तरफ बढ़ रहा है। प्रभावित इलाके के भाजपा सांसदों, विधायकों और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ राहत कार्यों को लेकर चर्चा की। कोविड-19 निर्देशों का पालन करते हुए हम हरसंभव मदद मुहैया कराएंगे।

कर्नाटक से लेकर गुजरात तक चक्रवात के कहर के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने खुद आपदा नियंत्रण की कमान संभाली है। शाह ने रविवार दोपहर महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई प्रदेशों के अधिकारियों और मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की है। गृहमंत्री अमित शाह ने वर्चुअल बैठक में सभी राज्यों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। इसके अलावा यह भी बताया है कि एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को भी जरूरत पड़ने पर भेजा जा सकता है। टाक्टे साइक्लोन पर अमित शाह ने बैठक के दौरान कहा है कि कोरोना मरीजों को समस्या ना आने दी जाए। तूफान से अगर बिजली सप्लाई पर असर पड़ता है तो अस्पताल बैकअप प्लान तैयार रखें।

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे कार्यरत रखने का निर्देश दिया। उन्होंने जामनगर से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति पर कम से कम प्रभाव पड़ना सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने समय रहते बचाव व राहत अभियान में स्थानीय लोगों को शामिल करने के बारे में भी बात की। बयान के मुताबिक भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि तौकते चक्रवात 18 मई की दोपहर या शाम को पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट पर पहुंच सकता है और इस दौरान हवाओं की रफ्तार बीच-बीच में 175 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है।


चक्रवात 'तौकते' की तैयारियों को लेकर बैठक की गई

 चक्रवात 'तौकते' के लिए उठाए गए कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात 'तौकते' की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं और चक्रवात के मद्देनजर तमाम कदम उठाने को कहा। पीएम ने कहा कि बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सेवा को बनाए रखना सुनिश्चित करें।

वहीं, चक्रवात 'तौकते' के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने अपनी टीमों की संख्या 53 से बढ़ाकर 100 कर दी है। बल के महानिदेशक एस एन प्रधान ने एक ट्वीट में कहा कि ये टीम केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में कूच के लिए तैयार हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि अरब सागर में बन रहे चक्रवाती तूफान के मद्देनजर 53 टीम पूरी तरह तैयार हैं।

प्रधान ने शनिवार को कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग से चक्रवात के बारे में मिली नयी जानकारी के बाद एनडीआरएफ की टीमों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि 100 टीमों में से 42 पहले से ही छह राज्यों में जमीन पर तैनात हैं, जबकि 26 टीम प्रतीक्षा में तैयार रखी गई हैं। प्रधान ने कहा कि 32 टीम मदद के लिए तैयार रखी गई हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर हवाई मार्ग से संबंधित क्षेत्रों में पहुंचाया जा सकता है।

एनडीआरएफ प्रमुख ने यह भी कहा कि इन टीमों के सदस्यों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण किया गया है और ये जरूरी उपकरणों से लैस हैं। बल की एक टीम में 35-40 कर्मी हैं और उनके पास पेड़ तथा खंभों को काटने वाले औजार, नौकाएं, बुनियादी चिकित्सा सामग्री तथा अन्य राहत एवं बचाव उपकरण हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा था कि अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र के 17 मई को ''अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान'' में तब्दील होने और एक दिन बाद इसके गुजरात तट को पार करने की संभावना है। इसने कहा था कि मौसम स्थिति गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गई है और इसके शनिवार सुबह तक चक्रवाती तूफान 'तौकते' में तब्दील होने की संभावना है। फिर इसके शनिवार रात तक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।

आईएमडी के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि 16-19 मई के बीच पूरी संभावना है कि यह 150-160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ एक ''अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान'' में तब्दील होगा। हवाओं की रफ्तार बीच-बीच में 175 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है। इस साल भारतीय तट पर यह पहला चक्रवाती तूफान होगा।

पश्चिम बंगाल में लगेगा संपूर्ण लॉकडाउन


 बंगाल में 16 मई से शुरू हो रहा 15 दिन का पूर्ण लॉकडाउन


ममता बनर्जी सरकार ने पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले को बढ़ता हुआ देख राज्य में 16 मई से 30 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है। इस दौरान अब अनिवार्य सेवाओं को छोड़कर सभी गतिविधियों पर पाबंदी रहेगी। इस दौरान परिवहन और अन्य क्षेत्रों की आवाजाही पर सख्त शर्तें लगा रहे हैं । 

राज्य सरकार ने प्रतिबंधों को आधिकारिक तौर पर लॉकडाउन नहीं कहा था लेकिन शिक्षा , निजी और सार्वजनिक कार्यालय सहित लगभग सभी सेवाएं इस दौरान बंद रहेंगी । बंदोपाध्याय ने कहा कि 'टैक्सी और ऑटोरिक्शा सहित सभी तरह के परिवहनों को दो सप्ताह तक चलने की अनुमति नहीं है ।

हालांकि स्वास्थ्य , भोजन, दूध, मीडिया और अन्य आपातकालीन सेवाओं जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए वाहनों का उपयोग किया जा सकता है । साथ ही उन्होंने कहा कि सभी तरह के धार्मिक , राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है । हमने देखा कि इस तरह के समूहों से कोरोना संक्रमण के फैलाने की अधिक आशंका है इसलिए राज्य में सभी तरह के बैठकों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है । '

बंदोपाध्याय ने कहा कि बाजार सुबह 7 बजे से 10 बजे तक खुले रहेंगे । वहीं मिठाई की दुकानें सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहेगी और अन्य सभी दुकानें , मॉल और शॉपिंग कॉम्पलेक्स अगले दो सप्ताह तक बंद रहेंगे ।

 देखिए क्या रहेगा बंद और क्या रहेगा खुला

आपातकालीन सेवाओं और अनावश्यक वस्तुओं को छोड़कर सभी निजी और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे । भोजन संबंधी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी दुकानें बंद रहेगी । सब्जी , किराना, दूध और मांस बेचने वाली दुकानों को सुबह 7 बजे से 10 बजे तक खोलने की अनुमति रहेगी । लॉकडाउन के दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद रहेंगे । चाय उद्योग 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित होगा ।

सभी तरह की शिक्षा, प्रशासनिक और धार्मिक सभाओं पर पूरी तरह से रोक लगा दी है । ई-कॉमर्स और होम डिलीवरी जैसी सुविधाओं की अनुमति होगी । ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग की दुकानें खुल सकती है जबकि पार्क आदि बंद रहेंगे । विवाह समारोह में केवल 50 व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति है । वहीं बैंक सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुले रहेंगे ।


पश्चिम बंगाल में 16 मई से शुरू हो रहे 15 दिन के पूर्ण लॉकडाउन के दौरान निजी वाहन, टैक्सियों, बसों, मेट्रो ट्रेनों के संचालन की इजाजत नहीं होगी। कंप्लीट लॉकाडाउन के दौरान बंगाल में जरूरी सेवाओं के आलावा कुछ भी चालू नहीं रहेगा और इनसे जुड़े लोगों को ही यात्रा करने की छूट रहेगी।

बताते चले कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जिसपर काबू कर पाना फिलहाल मुश्किल है, इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, राज्य में कोरोना वायरस के कुल 131792 एक्टिव मामले हैं। यहां अब तक 12993 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है और करीब 950017 लोग ठीक हो चुके हैं।

Monday, April 05, 2021

CBSE - CISR का इनोवेशन अवार्ड, जीतने पर मिलेगा 1 लाख रुपए इनाम

CBSE - CISR का इनोवेशन अवार्ड, जीतने पर मिलेगा 1 लाख रुपए इनाम

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च(CSIR) के साथ मिलकर स्कूली विद्यार्थियों के लिए एक शानदार पहल की शुरुआत की है। सीबीएसई ने विद्यार्थियों के लिए इनोवेशन अवार्ड प्रतियोगिता शुरू की है। इसके तहत आयोजित प्रतियोगिता में विजेता रहने वाले विद्यार्थी को 1 लाख रुपए का इनाम मिलेगा। सामाजिक समस्याओं को सबसे अनोखे तरीके से प्रदर्शित करने वाले प्रथम 15 विद्यार्थीयों को विशेष तौर पर 10 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक के पु्रस्कार से सम्मानित किया जाएगा।


सीबीएसई बोर्ड ने विद्यार्थियों के बीच वैज्ञानिक संस्कृति(scientific culture) को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतियोगिता का ऐलान किया है।


इसकी शुरुआत काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने स्कूली बच्चों में शोध और विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए किया है। इसका नाम 'इनोवेशन अवार्ड फॉर स्कूल चिल्ड्रेन' रखा गया है। छात्र ज्यादा जानकारी के लिए सीबीएसई की एकेडमिक वेबसाइट cbseacademic.nic.in पर विजिट कर सकते हैं। अथवा प्रतियोगिता के बारे में अधिक जानकारी के लिए सीधे लिंक पर क्लिक कर आधारिक अधिसूचना से सर्कुलर डाउनलोड कर सकते हैं।

रजिस्ट्रेशन का आखिरी तारीख 30 अप्रैल, 2021 तक है

इस संबंध में सीबीएसई की ओर से सभी संबद्ध स्कूल को एक अधिकारिक अधिसूचना सर्कुलर और पत्र भी जारी किया है। स्कूलों को भेजे गए पत्र में इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी दी गई है। प्रतियोगिता में केवल 18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थी ही भाग ले सकेंगे। उम्र की गणना 1 जनवरी, 2021 के आधार पर की जाएगी। निर्देश में कहा गया है कि इस प्रतियोगिता में शामिल होने के इच्छुक और पात्र विद्यार्थी 30 अप्रैल, 2021 तक अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। पंजीयन के लिए छात्रों को अपनी एंट्री स्कूल प्रबंधन द्वारा सत्यापन पत्र के साथ आगे दिए गए पते पर भेजनी होगी - प्रमुख, सीएसआईआर - इनोवेशन प्रोटक्शन यूनिट, विज्ञान सूचना भवन, 14 - सत्संग विहार मार्ग, स्पेशल इंस्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली - 1100 67

इनाम की राशि
प्रथम पुरस्कार ₹1,00,000 (एक अवार्ड)
द्वितीय पुरस्कार ₹50,000 (दो अवॉर्ड)
तृतीय पुरस्कार ₹30,000 (तीन अवार्ड)
चतुर्थ पुरस्कार ₹20,000 (चार अवार्ड)
पांचवा पुरस्कार ₹10,000 (पांच अवार्ड)

साथ ही चयनित विद्यार्थियों को उनके विज्ञान विषय के शिक्षकों के साथ आईपीआर(IPR) में ट्रेनिंग दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए csir.res.in पर विजिट कर सकते हैं।

बिहार, बंगाल और असम में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 5.4 मापी गई तीव्रता

बिहार बंगाल समेत कई राज्यों में महसूस किए गए भूकंप के झटके



असम, बिहार और पश्चिम बंगाल में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर ऑफ सेसिमोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 मापी गई।एनसीएस के अनुसार सिक्किम-नेपाल बॉर्डर पर यह भूकंप 8 बजकर 49 मिनट पर आया। वहीं मौसम विभाग के अनुसार भूकंप का केंद्र सिक्किम नेपाल बॉर्डर बताया जा रहा है। भूकंप के केंद्र की गहराई 10 किलोमीटर थी। इससे लोगों ने हल्का झटका महसूस किया। पटना के अपार्टमेंट में रहने वाले बड़ी संख्या में लोग बाहर आ गए। भूकंप में किसी भी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।


मिली जानकारी के अनुसार बिहार में पटना, पूर्णिया, भागलपुर, अररिया और किशनगंज समेत कई शहरों में ये झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के तगड़े झटके से लोग डर कर घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल इस भूकंप से कहीं भी जानमाल के नुकसान की जानकारी नहीं है। 

Friday, April 02, 2021

इंद्रशेखर, गोपालजी या कोई और, जानें श्रीपुरहाटी दक्षिणी से इस बार कौन?

जैसे जैसे पंचायत चुनाव नजदीक आ रहा है, ग्रामीण क्षेत्र में हलचल बढ़ता जा रहा है।इसी क्रम में आज हम बात करने वाले हैं एक पंचायत का
पंचायत का नाम हैं श्रीपुरहाटी दक्षिणी, जोकि पंडौल प्रखंड के अंदर आता है, पंचायत की मुखिया पूनम देवी है।अब जबकि चुनाव नजदीक है सभी अपनी उम्मीदवारी पेश करने में लगे हुए है आपको रोज कोई ना कोई खुदको ईमानदार, कर्मठ, शिक्षित बताते मिल जायेंगे।अब जनता किसको ईमानदार मानती है ये तो समय ही बताएगा।
ऐसे में लोगों के मन में बार-बार ये बात आता है कि इस बार कौन?
आइये हम इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने क़ी कोशिश करते हैं हाल ही में हुए एक सर्वे की माने तो पंचायत नए चेहरे को नकार कर फिर से पुराने चेहरे पर ही विश्वास दिखाता नजर आ रहा है। हलांकि बदलाव की गुंजाईश फिर भी है। सर्वे के अनुसार जनता फिर से 2011-16 में मुखिया रहे गोपालजी झा को मौका दे सकता है, हलांकि ये कहना अभी जल्दबाजी होगी, फिर भी सर्वे को देखकर तो कुछ ऐसा ही लग रहा है।
सर्वे की बात करें तो सर्वे strawpoll नाम के वेबसाइट पर किया गया था जिसके लिंक को बाद में शाहपुर ग्रामवासी नाम के फेसबुक पेज सहित बांकी के प्लेटफॉर्म पर साझा किया गया।
सर्वे का गुण देखा जाए तो हमने देखा कि इसे आम लोगों द्वारा आसानी से हैक नहीं किया जा सकता, और एक मोबाइल से एक ही वोट सम्भव है। दूसरी तरफ सर्वे के दोष के रूप में हमें ये दिखा कि इसमें कोई भी वोट कर सकता है चाहे वो पंचायत के बाहर का हो या 18 साल से कम का।
अब हम इसके परिणाम की बात करते हैं जिसमें कि पूर्व मुखिया गोपालजी झा फिर से जनता की पहली पसंद बनने वाले हैं, वहीं वर्तमान के मुखिया का प्रदर्शन उम्मीद के हिसाब से अच्छा नहीं कहा जा सकता है, बांकी सारे वोटकटवा ही नजर आ रहे है। वोटिंग का कोई तय समय सीमा नहीं था फिर भी हम 24 घंटे के अंत में आए परिणाम की चर्चा करते हैं। 24 घंटे बीत जाने के बाद जो परिणाम है वो आपके सामने है,गोपालजी झा 38% वोट के साथ पहले स्थान पर है वहीं वे अपने निकटतम प्रतिद्वंदी इंद्रशेखर झा(16.6%) से दोगुने से भी ज्यादा वोट से आगे दिख रहे हैं। पिछले बार काफी पीछे रह चुके मनोज झा(16%) इस बार अच्छा कर रहे हैं लेकिन जीतने से अभी भी वो बहुत दुर हैं। वहीं खुद के जीत का दावा करने वाले कौशल ठाकुर जीत के आस पास भी नहीं दिख रहे हैं। पिछले बार उम्मीद से अच्छा कर दिखाने वाले हीरा साहू इस बार करिश्मा करते नहीं दिख रहे, तो हर बार की तरह मनोज साह को इस बार भी जमानत बचाने के लिए मसक्क़त करनी पड़ सकती है।
हलांकि ये परिणाम नहीं है अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। उम्मीदवारों को अभी बहुत पसीने बहाना बांकी है। तबतक कोई सर्वे देखकर खुश होंगे तो पीछे रह गए उम्मीदवार को निराश न होकर मेहनत करने की जरूरत है, अभी बहुत समय है इसको बदला जा सकता है।
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