विजयदशमी के दिन मुंगेर ने एक बार फिर से जनरल डायर को देखा। जी हा 1919 के बाद फिर से भारत के इतिहास ने अपने आप को दोहराया, जहां निहत्थे, मासूम और बेकसूर भक्तो पर कुछ पुलिस वालो ने अंधाधुंध 25 राउंड गोलियां बरसाई। जी हा 25 राउंड।। ये जनरल डायर कोई अंग्रेज़ नहीं भारतीए है और इसका नाम है SP लिपि सिंह। इसके पिता जी सांसद है और इसे उसका ही अभिमान ही गया था। लेकिन विराट महारानी सबकी माता मा दुर्गा के सामने सबका अहंकार चुर चूर हो जाता है। और आज अर्थात 29 अक्टुबर को यही हुआ।
विजयदशमी के दिन जब एक युवक की मृत्यु हुई और 6 युवक घायल हुए उसके बाद से ही मुंगेर के सड़कों पर डायर के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए थे। धीरे धीरे हिन्दू अस्मिता भी जगी। और तकरीबन 800 लोग अलग अलग चौराहों पर धरना दे रहे थे। लेकिन प्रशासन की नींद ही नहीं टूट रही थी। फिर जनता का आक्रोश बढ़ा और भीड़ ने लिपि सिंह के ऑफिस को जला कर राख कर डाला।। जिस कुर्सी पर बैठ कर उसने है आदेश दिया होगा, वह कुर्सी जल के ख़ाक में मिल गई होगी और ऐसे ही लिपि सिंह का अभिमान भी।
भारत के इतिहास में इन दोनों जनरल डायर को हमेशा याद किया जाएगा और हमेशा दोनों का नाम लेने के बाद थूका जाएगा।।
वैसे अभी अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार लिपि सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है।
हमसे जुड़ने के लिए हमारे ब्लॉग को सबस्कइब करे।
अगर आप भी लिखने में interested हैं तो हमें मेसेज करे।
No comments:
Post a Comment
कोई भी परेशानी हो तो बताने कि कृपा करें। नमस्कार।।