125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रत्नागिरी से टकराने के बाद मुंबई मानो दहल सा गया। रत्नागिरी में क्या पेड़ क्या छत क्या क्या खंभे। मुंबई में भी टीन और अल्बेस्टस की छते तो मानो कागज की तरह उड़ रही थी।
ज्ञात हो कि निसर्ग तूफान के बारे के जब से मौसम विभाग ने सरकार को जानकारी दी थी तब से ही सरकार ने तैयारी शुरू कर दी थी। तट वाले इलाके से लोगो को निकाल लिया गया था। जिन लोगो को एक जगह से दूसरे जगह ले जाया गया था उन्हें भी करोना के गाइडलाइंस के अनुसरण करने थे। मुंबई में ऐसा तूफान 129 साल बाद आया है। इसका असर 5 घंटे अर्थात शाम 6 बजे तक रहा।
लगभग 1.30 बजे निसर्ग ने तटीय इलाके में दस्तक दी थी और पहला लैंडफॉल भी वही हुआ था। निसर्ग ने मुंबई, पुणे , अलीबाग में काफी छती पहुंचाई है। पुणे के निचले इलाकों में भरी बारिश से जल जमाव हो गया है। अब 1 से 2 दिनों में मॉनसून भी मुंबई में दस्तक देने वाली है ऐसे में मुंबई और मुंबईकरों के लिए ये समय और दिक्कत देने वाली है।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि शाम 6 बजे तक मुंबई एयरपोर्ट से हवाई उड़ान भरी जा सकेंगी।
ज्ञात हो कि निसर्ग तूफान भारत के पश्चिमी तट पर टकराया था। यह तूफान जल से उठकर थल पर टकराया। अंफान के बाद यह दूसरा तूफान था जो इस बीच में भारत से टकराया।
कुछ देर के बाद गृहमंत्री जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी जिससे पता चलेगा की कहा कहा कितनी क्षति हुई है।
वैसे आशा करते है कि ये साल और ज्यादा क्षति लेकर नहीं आएगी।
No comments:
Post a Comment
कोई भी परेशानी हो तो बताने कि कृपा करें। नमस्कार।।