शांति से दुर्गा पूजा हो चुकी थी। अब विसर्जन का समय था। मैया की विदाई होने वाली थी। शहर के लोग महारानी दुर्गा कि प्रतिमा लेकर विसर्जन को का रहे थे। कि तभी अचानक कुछ पुलिस बले आते हैं और लाठियां बरसाने लगते हैं।
घटना मुंगेर की है जहां मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस की गुंडागर्दी देखने को मिला। अधर्म पर धर्म की जीत का जो उत्सव विजयादशमी को सदियों से मनाया जाता रहा है उसी दिन पुलिस के वेश मे कुछ राक्षसों ने विसर्जन करने जा रहे लोगो पर लाठियां बरसाई। अलग अलग न्यूज के स्रोतों द्वाारा पता चला कि विसर्जनकारियो के उपर गोलियां भी चलाई गई। जिसमे 4 लोगो के घायल होने और एक व्यक्ति के मृत्यु होने की खबर आ रही है।
अब सवाल ये उठता है कि क्या सरकार मृत हो चुकी है या सांसद की बेटी और मुंगेर की sp लिपि सिंह को ज्यादा उन्माद आ गया है! जिस तरह से भाजपा के नेता चुप्पी साढ़े हुए हैं और कहीं भी टीवी में इसे स्थान नहीं दिया गया है क्या वो मीडिया के तुक्ष होने का सबूत दे रहा है। क्या यही घटना अगर बंगाल में होती तो भाजपा के नेता इसी तरह गब्दी मार के बैठ जाते? आखिर हिन्दुओं को भारत की राजनीति में राजनैतिक अछूत बनाने की कोशिश कौन कर रहा है? वैसे चाहे सत्ता किसी की भी हो विजयादशमी के दिन हिन्दुओं पर हुआ ये अत्याचार ना ही बिहार भूलेगा और ना ही हिंदू!
आखिर क्या कारण है कि दुर्गा पूजा क्यूके बारे में पता होते हुए भी चुनाव आयोग ने ठीक विजयादशमी के अगले दिन चुनाव करने को सोचा? क्या मुंगेर की घटना को प्रशासनिक लापरवाही सोच कर भुला दिया जाए? क्या हिन्दू अपने ही घर में इतने कमजोर हो गए हैं कि वो ट्रैक्टर के ढाले में बैठ कर पीट ते रहे। आखिर पुलिस में इतनी हिम्मत कहा से आ गई की दुर्गा पूजा के विसर्जन करियों पर गोली बरसा दिए। अब समय आ गया है कि हिन्दू अपने वोट को बाटने ना दे और एक चोट सरकार उसके दलाल और हिन्दुओं को राजनैतिक अछूत बनाने वालो के खिलाफ दे।
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