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Monday, May 04, 2020

एय्याशी और वैश्यावृति की अड्डा थी शाहीन बाग़?



दिल्ली दंगो के कारण दंगो की एक आरोपी और टुकड़े टुकड़े गैंग के एक सदस्य जो कि नॉर्थ ईस्ट को भारत से अलग करने में विश्वास रखती हैं, को दिल्ली पुलिस ने कुछ दिन पहले अरेस्ट किया। चुकी काल कोरोणा का है तो मोहतरमा को पहले क्वारेंटाइन में रखा गया। फिर मोहतरमा को जेनरल वार्ड में अन्य कैदियों के साथ शिफ्ट कर दिया गया। आपको बता दे के जेल में कैदियों का रूटीन चेकअप  होता है। जब मोहतरमा की बारी आई तो मोहतरमा को लगा कि ये जेएनयू या जामिया मिलिया है जहां अपनी मनमानी कर वो बच जाएंगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और जब चेकअप हुआ तो मोहतरमा कुंवारी मम्मी बनने वाली थी ऐसा पता चला। अब ज्योही ये बात भक्तो को पता चली तो भारी मन से ही सही लेकिन सब कन्हैया कुमार को सोशल मीडिया पर मामा बनने की बधाइयां देने लगे। लेकिन बेचारो को बड़ी बेचैनी इस बात को लेकर है कि बच्चे के गुमशुदा बाप, मोहतरमा की गुमशुदा पति और टुकड़े गैंग के हीरो के जीजा जी कहा हैं। 

आइए पर्दा उठते हुए आपको बता दे की मोहतरमा का नाम है
सफुरा जरगर।



अब आते हैं उन सवालों पर जो बहुत दिनों से उठ रहे थे। क्या ये बात सच थी की शाहीन बाग़ वैश्यावृति का अड्डा बन गया था? क्या यही कारण था कि निष्पक्ष पत्रकारों को वहां नहीं जाने दिया जाता था या अगर वो चले गए तो उन्हें पिटा जाता था? क्या ये बात सच है कि वहां फंडिंग लाने का स्रोत वैश्यावृति थी? क्या बिरयानी के बदले वहां जिस्म बेचा जाता था?  क्या यही कारण है की वहा बिरयानी अपने आप गिरे मिलते थे जिसे लोग अल्लाह की मेहरबानी समझते थे? क्या वहा बाप को बिरयानी खिलाई जाती थी और बेटी के कपड़े उतारे जाते थे? 

ये सिर्फ सवाल है जो आर्यावर्त न्यूज नहीं भारत का हर वो सख्श पूछ रहा है जिसको इसके बारे में पता चला है। वैसे ये बात तो सच है कि सच कभी ना कभी बाहर आ ही जाता है। और ऐसा जब सामने आता है तो हैरानी नहीं होती क्युकी सबको अंदर से पता होता है लेकिन सिर्फ पुष्टि होनी बाकी रह जाती है। देखना ये है कि क्या करोना के बाद फिर से बाप अपनी बेटियों को , पति अपनी पत्नी को और भाई अपने बहन को शाहीन बाग़ भेजता है( जिन लोगो ने पहले भेजा था वो लोग)। अगर हा तो ये फरमान जारी हुआ होगा और अगर नहीं तो समाज का एक तबका जागरूक हो गया होगा।  अगर हा तो वो सरकार का विरोध करने किसी भी हद तक जा सकते हैं अगर नहीं तो ये पता चलने लगेगा कि उनको भी अपनी बहन बेटियों से प्यार है। 

वैसे एक खबर अभी अभी मिली है कि बच्चे के मामू ने उसका नाम तैमूर रखने की पेशकश की है लेकिन उसकी अम्मी उसका नाम मौलाना साद रखने की जिद पे अडी हुई है। 

   धन्यवाद , अच्छा लगा तो कॉमेंट करे।




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