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How to play chess
कहते हैं चेस या शतरंज खेल का जन्म भारत में एक ब्राह्मण जो की बुद्धि शिरोमणि थे उनके द्वारा पांचवीं छठी सदी में विश्व को तोहफे के रूप में दिया गया। शतरंज का प्राचीन नाम चतुरंग था जो भारत से अरब के रास्ते यूरोप पहुंच गया और फिर 15-16 शताब्दी तक बहुत प्रचलित हो गया।
वर्तमान समय के इसके सर्वोच्च नियंत्रण वर्ल्ड चेस फेडेरशन के पास है। शतरंज को वर्ष 1900 में ओलंपिक में शामिल किया गया।
वैसे तो शतरंज दिमाग का खेल है जो दो व्यक्तियों द्वारा खेला जाता है लेकिन इसके विश्लेषण और खेल को याद रखने के लिए इसे लिखा जाता है। शतरंज सामान्यतः बोर्ड पर ही खेला जाता है जिसमें 64 खाने होते है। 32 सफेद और 32 काले । एक व्यक्ति सफेद चुनता है और एक काला। सफेद की चाल पहले आती है और एक शोध में देखा गया था कि लगभग 75% जीतने का चांस सफेद का ही होता है क्युकी चाल उसके एक दाव के अनुसार ही अंत तक चलता है।
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सैनिकों की संख्या और क्रम
देखा जाए तो शतरंज एक तरह का युद्ध है जिसमें राजा अपने सैनिकों मंत्री के सहारे युद्ध लड़ता है। यह मस्तिष्क के कसरत कराने की अद्भुत विधि है जिसमें आपके दाव से ज्यादा आपकी रणनीति बनाने की कला को देखा जाता है। इस खेल में मध्य में एक राजा, एक रानी , दो उंट , दो घोड़े और उसके बाद दो हाथी रखे होते हैं। और आगे वाली खाड़ी में 8 प्यादे होते हैं।
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