ऐसा क्या है उस देश में की जिसका आज से 100 साल पहले नामो निशान नहीं था, जिनको हिटलर ने गई चंबरो में बंद करके मार डाला था, जाने कितने लोगो को दुनिया में कहा कहा भटकना पड़ा था आज वो अकेले ही पूरे मुस्लिम देशों के लिए सरदर्द बने हुए हैं।
इस्राइल का दमदार एक्शन।।
आज से कुछ साल पहले भी अपने दमदार एक्शन को दिखाते हुए इस देश ने 6 दिनों में 6 देशों को हरा कर दुनिया के लिए मिसाल साबित कर दी। आखिर कैसे 1 करोड़ से कम जनसंख्या वाला देश भारत जैसे विशाल अर्थव्यवस्था को हथियार और ड्रोन मुहैया करते हुए हर विपदा में इसकी मदद करता है। तो आइए जानते हैं इस्राइल के दमदार एक्शन का राज।
जी हा, ऊपर जिन जिन विशेषणों का प्रयोग किया गया है वो सब इस्राइल के संदर्भ में ही है। एक समय था जब यहूदियों को जमीन के टुकड़े के लिए दुनिया में दर बदर ठोकर खाना पर रहा था लेकिन अब वही यहूदी अब ग्रेटर इस्राइल बनाने जा रहे हैं। कुछ दिनों का इंतजार और कीजिए और देखिए तमाशा।। हाल में ही गाजा से हमास द्वारा इस्राइल पर लिए गए आतंकवादी हमले का जिस तरह से इस्राइल जवाब दे रहा है लगता नहीं कि इस बार इस्राइल गाजा पट्टी या वेस्ट बैंक को छोड़ेगा। इस बार फिलिस्तीन का नामो निशान मिटाने का विचार नेतन्याहू ने अवश्य कर लिया होगा जो उनके अगली बार सत्ता में आने की चाबी होगी। वैसे चीन जैसे देशों की छटपटाहट को आप समझ सकते हैं लेकिन उसकी लगाम तो अभी अमेरिका ने थाम रखी है। जिस तरह की प्रशंसा हम इस्राइल की कर रहे है ठीक उसी प्रकार की प्रशंसा आयरन डोम की भी होनी चाहिए और हो भी रही है।
क्या आप जानते हैं कि विजय और अस्तित्व रक्षा की लड़ाई में अक्सर जीत अस्तित्व के रखवालों की होती है। गोरिल्ला युद्ध भी इसी का परिणाम था। जिसके जनक तो शिवाजी महाराज थे लेकिन इसकी शुरुआत महाराणा प्रताप ने की थी। अब होता क्या था कि राजपूत केसरी बाना पहनकर युद्ध में जाते थे और अंतिम समय तक सैकड़ों मुगलों को मार कर मर जाते थे। फिर भारत वर्ष के शेर योद्धा महाराणा प्रताप ने इसे समझा। उन्होंने सोचा कि राजपूत अपनी जान के अंत तक लड़ते रहते हैं और फिर शहीद हो जाते है। बचते हैं तो सिर्फ महिलाएं और बच्चे और फिर जबतक बच्चे बड़े होते हैं 10 साल बीत जाता है और फिर से नई शुरुआत करनी पड़ती है इसीलिए खुद को जिंदा रखो और छुप छुप कर लड़ाई लड़ते रहो। फिर महाराणा प्रताप ने भिलों की सेना बनाई और तब अकबर से लड़े। वहा भी स्वाभिमान जीता था और आज हम महाराणा प्रताप के रूप में किसी व्यक्ति को नहीं, किसी राजा को नहीं उसी स्वाभिमान को याद करते हैं। नहीं तो राजा तो बहुत थे जिन्होंने मौत के दर से अकबर की गुलामी कबूल कर ली थी पर घास की रोटी खा कर जो मौत को हरा दे वो महाराणा।
तो जिस स्वाभिमान की लड़ाई को महाराणा ने लड़ा था आज उसी लड़ाई को इस्राइल लड़ रहा है। इस्राइल को पर है अगर हम कमजोर पड़े तो ये भेड़िए उसे नोच खाएंगे। उसका अस्तित्व नहीं बचेगा इसीलिए उसने अरस्तू के '' survival of fittest '' के नियम को समझा और अपने आप को संसाधनों की कमी के बावजूद हर रूप से फिर बना लिया।
देखिए अगर आप और हम corona से बच गए तो जल्द ही ग्रेटर इस्राइल पर होने वाले विकास से रूबरू होंगे।
आपके लिए ये न्यूज लिखा है हमारे इडिटर सौरभ ने। कैसा लगा कमेंट जरूर कीजिएगा। नमस्कार।
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