भव्यता से हो रहा दुर्गा पूजा का आयोजन
पंडौल! प्रखंड के गाँव शाहपुर भव्य दुर्गा पूजा के लिए जाना जाता है, यहां के भव्यता का पता इसी बात से चलता है कि यहां आज़ादी से पहले से पूजा हो रही है। प्रखंड के सबसे प्राचीन पूजा में सुमार, यहां 1941 से ही हर साल दर्जनों देवी देवताओं सहित होती है माँ दुर्गा के प्रतिमा की स्थपना।
शुरुआत में फुस के मंदिर में होता था पूजा, अब बन गया है भव्य मंदिर।
यहां गाँव के दर्जनों पंडितों तथा ग्रामीणों के सहयोग से वैदिक विधि से होती आ रही पूजा।।
यहां का पूजा विधि, मंत्रोच्चार एवं जाप सबका मन मोह लेता है। यहां स्थापित माँ के प्रति भक्तों की श्रद्धा एवं विस्वास इतनी है कि यहां दूर दूर से श्रद्धालु माँ के दर्शन पूजा के लिए आते हैं।
जहाँ हर जगह कोरोना महामारी तथा लॉकडाउन के कारण इस साल आयोजन पहले की तरह नहीं हो पा रहा है, वही शाहपुर का पूजा इस साल पहले से भी भव्य बन चूका है। आयोजन समिति के अध्यक्ष इस वर्ष अपने हाथ पर जयंती गिराने का संकल्प लिए है, इस साल अध्यक्ष श्री गोपाल जी झा समाज कल्याण के भावना से पुरे नवरात्रा अन्न जल त्यागने के साथ मंदिर में अपने हाथ पर जयंती गिराने का काम किये है। हाथ पर जयंती गिराने के संकल्प से ग्रामीणों सहित पुरे इलाके में खुशी का माहौल बना हुआ है।
सरकारी गाइडलाइन का हो रहा पालन :
कोरोना महामारी के चलते सरकार के तरफ से दुर्गा पूजा संबंधित कई तरह का नियम बनाया गया है आयोजक समिति के द्वारा नियमों के पालन करने का पूरा कोशिस किया जा रहा है। जहाँ एक तरफ मेला में मास्क लगाना अनिवार्य है वहीं शारीरक दुरी बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इस साल समिति के द्वारा किसी भी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं कराने का फैसला लिया गया है।
समिति के सचिव जीतेन्द्र झा का कहना है कि समिति सरकारी गाइडलाइन के तहत दुर्गा पूजा के सफल आयोजन कराने में सक्षम है। वहीं मंदिर के पंडित महाचंद्र ठाकुर, सुरेंद्र झा का कहना है माँ दुर्गा ही हमें इस भयंकर महामारी से भी राहत देगी।
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