भाग्य
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भाग्य हमें ले चला
ना जाने किस मुकाम पर
कि थम सके ना हम कभी
धूप या बरसात में
मिले हज़ारों रास्ते
मेरे सफर के लिए
उम्मीद के जहान पर
वो मंजिलें तलाशते
कि थम सके ना हम कभी
धूप या बरसात में
भाग्य हमें ले चला
ना जाने किस मुकाम पर
यह प्रतिज्ञा मैंने ली थी
की खोयेंगे ना हौसलें
और ना ही रोएंगे दिन ढले
वो वक्त कल का और था
ये वक्त आज का और है
जो कल हमें मिले थे ग़म
तो आज फिर खुशी का दौर है
भाग्य हमें ले चला
ना जाने किस मुकाम पर
कि थम सके ना हम कभी
धूप या बरसात में
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भाग्य हमें ले चला
ना जाने किस मुकाम पर
कि थम सके ना हम कभी
धूप या बरसात में
मिले हज़ारों रास्ते
मेरे सफर के लिए
उम्मीद के जहान पर
वो मंजिलें तलाशते
कि थम सके ना हम कभी
धूप या बरसात में
भाग्य हमें ले चला
ना जाने किस मुकाम पर
यह प्रतिज्ञा मैंने ली थी
की खोयेंगे ना हौसलें
और ना ही रोएंगे दिन ढले
वो वक्त कल का और था
ये वक्त आज का और है
जो कल हमें मिले थे ग़म
तो आज फिर खुशी का दौर है
भाग्य हमें ले चला
ना जाने किस मुकाम पर
कि थम सके ना हम कभी
धूप या बरसात में
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