सुजीत पासवान
पूर्व प्रदेश मंत्री ,अभाविप बिहार
केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य, अभाविप
वर्तमान सीनेट सदस्य, एलएनएमयू
एवं सिंडिकेट सदस्य,एलएनएमयू
सवाल 1. एबीवीपी से जुड़ने के कारणों पर प्रकाश डालने की कृपा करे। क्या यह आकस्मिक था या आप पहले से एबीवीपी को जानते थे?
जवाब:- Abvp से जुड़ना मेरे लिए सौभाग्य का बात है ।जब मैं नौवीं कक्षा में पढ़ रहा था तो उस समय मैं एनएसयूआई से जुड़ गया था चुकीं छात्र के उम्र से ही समस्याओं को देखकर संघर्ष के लिए आतुर था। कुछ दिनों तक एनएसयूआई में रहा फिर चुकी पिताजी राजनीति में सक्रिय थे और वो भारतीय जनता पार्टी में थे तो मैं छात्र संगठन के बारे में विस्तृत रूप से जानना चाहा तो मुझे पता चला कि यह छात्र संगठन कांग्रेस का है तो मैंने फिर भारतीय जनता पार्टी का कौन सा छात्र संगठन है इसके बारे में जानकारियां लेनी शुरू की तो मुझे अपने चाचा जी से पता चला की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद वह छात्र संगठन है तो मेरी जिज्ञासा और भी तेज हो गई कि मैं अब विद्यार्थी परिषद से ही जुड़कर काम करूंगा
अख़बार के माध्यम से मैं विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम की गतिविधि का जानकारी मुझे मिल रहा था फिर 2011 में राजनगर कुछ सीनियर छात्र एबीवीपी का सदस्यता अभियान कर रहा कर रहे थे। तो मैं वहां जाकर एबीवीपी से जुड़ गया उसके बाद से आज तक सक्रिय हूं।
सवाल 2:- एबीवीपी से जुड़ने से पहले और उसके बाद आपके जीवन क्या महत्वपूर्ण बदलाव हुए।
जवाब:- एबीवीपी से जुड़ने से पहले मैं एक छात्र था और छात्र के तौर पर मेरी सोच पढ़ाई लिखाई कर सिर्फ नौकरी करना ही था। लेकिन एबीवीपी के जुड़ने से बाद राष्ट्रीयता का भाव उत्पन्न हुआ और पढ़ाई के साथ-साथ छात्र समाज और राष्ट्र के लिए भी मन में सोच विकसित होने लगी। एबीवीपी से जुड़ने के बाद जीवन को एक नई दिशा मिली है।
सवाल 3:- इस बात मै कितनी सत्यता है कि आरएसएस और उसके मुख्य घटक संगंठन साम्प्रदायिकता फैलाते हैं?
जवाब:-इस बात में रत्ती भर भी सत्यता नहीं है, जो संगठन सर्वे भवंतु सुखिनः के भाव को लेकर काम करता हो उस पर सांप्रदायिकता फैलाने जैसा आरोप लगाना एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, जब देश में कोई भी आपदा आती है तो आरएसएस और एबीवीपी जैसे संगठन सेवा कार्य करते नजर आते हैं और सेवा के वक्त वह नहीं देखते हैं की सेवा लेने वाला कौन धर्म या समुदाय का है आपने कई बार इसे देखा भी होगा।
सवाल 4: - पालघर में साधुओं कि हत्या कर दी गई और इसके बारे में 4 दिन के बाद पता चला। इसके बारे में आपकी क्या राय है?
जवाब:-पालघर में साधुओं की हत्या अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और मेरा मानना है की यह घटना वामपंथी साजिश का हिस्सा है और इस्लामिक कट्टरता के सोच को भी यह घटना जग जाहिर करता है। देशभर के लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश है।
सवाल 5:- एबीवीपी के प्रदेश मंत्री के रूप में , मिथिला विश्ववद्यालय के सीनेट सदस्य और फिर सिंडिकेट सदस्य के रूप आप बिहार में शिक्षा और शिक्षक की स्थिति पर क्या कहना चाहेंगे और इसे कैसे सुधारा जा सकता है?
जवाब:-मैं शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी जोड़ता हूं बिहार की शिक्षा आईसीयू में है स्वास्थ्य सुविधा वेंटीलेटर पर है। एबीवीपी ने अनेकों बार शैक्षणिक मुद्दों को लेकर कई बार प्रदेश स्तरीय आंदोलन किया समय-समय पर शैक्षणिक व्यवस्था सुदृढ़ हो उसको लेकर बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में ज्ञापन एवं राजभवन जाकर महामहिम को शैक्षणिक स्थिति से अवगत भी कराया है कुछ सुधार भी हुए हैं लेकिन अभी और सुधार की आवश्यकता है विद्यार्थी परिषद के आंदोलन के बाद बिहार के विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव भी हुए जिसमें सभी विश्वविद्यालयों में विद्यार्थी परिषद की एकतरफा जीत भी हुई और अभी छात्रसंघ के माध्यम से विश्वविद्यालय के शैक्षिक समस्याओं को लेकर लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं।
सवाल 6:- काम पर नहीं नाम पर वोट दो। इस विचारधारा से क्या देश का विकास हो सकता है? अगर हा तो कैसे और अगर नहीं तो फिर 2019 का चुनाव भाजपा ने इसपर क्यू लड़ा?
जवाब:- नाम काम करने वालों का ही होता है लेकिन नाम से देश का विकास नहीं हो सकता
परंतु वर्तमान और इससे पिछले पंचवर्षीय की जो केंद्र में सरकार हैं, कई साहसिक निर्णय लिए हैं और कई सारे योजनाओं का कार्यान्वयन हुआ है जिससे देश की जनता भलीभांति जान रही है और पुनः 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 303 सीट देकर भारी बहुमत से जीताया है। और लोगों को अफसोस भी है कि काश यह सरकार 10, 20 साल पहले से ही देश में रहती तो हमारा भारत आज विश्व में नंबर वन होता।
सवाल 7:- जय भीम जय मीम नारे में 'मीम' का अर्थ क्या आप समझा सकते है? क्या ये बाबा साहेब के विचारो पे चलने वाले लोग हैं या बहुत ही बारीकी से उनके विचारो को गलत रूप में पेश कर लोगो के बीच भ्रामक स्थिति पैदा की जा रही है? क्या राष्ट्रवाद इनके विचारधारा को ध्वस्त करने का सामर्थ्य रखता है?
जवाब:- मिम का अर्थ है मुसलमान
कट्टरपंथी के द्वारा "जय भीम जय मीम" का नारा लगा कर
हिन्दुओ को जातियों में तोड़ने, दलितों को हिन्दुओ से अलग करने के लिए ये साजिश है।
आज भले ही उनके कथित अनुयायी उन्हें अंबेडकरवाद की संकुचित विचारधारा में कैद करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अंबेडकर सभी सीमाओं से परे हैं। उनका राष्ट्रवाद असंदिग्ध है। आज ‘जय भीम-जय मीम’ का नारा लगाने वाले शायद इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि वह मजहबी कट्टरता और पाकिस्तान को जन्म देने वाले ‘द्विराष्ट्रवाद’ के विचार के कितने बड़े विरोधी थे। विद्यार्थी परिषद सदैव ऐसे राष्ट्र विरोधी विचारों को ध्वस्त करने में अपने स्थापना काल से ही लगी हुई है ऐसे कट्टरपंथ स्वच्छ रखने वालों की दाल अब गलने वाली नहीं है।
सवाल 8:- आप अपने क्षेत्र के सांसद और विधायक के बारे में क्या टिप्पणी करना चाहेंगे?
जवाब:-सांसद एंव विधायक जनता के द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि होता है, जनता के विश्वास पर खड़ा उतरना उनकी जिम्मेवारी है, वर्तमान सांसद विधायक विश्वास पर कितने खड़े है, इसकी समीक्षा क्षेत्र के लोग कर रहे हैं।
सवाल 9:- अंतिम प्रश्न, क्षेत्र में चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में आप राजनगर से भाजपा के उम्मीवार हो सकते है,क्या हम आनेवाले समय में आपको विधायक के रूप में देख सकते है?
जवाब:- देखिए ये निर्णय संगठन का है,
अगर मुझे मौका मिला तो जरूर जनता कि सेवा में आऊंगा।
धन्यवाद, अपना समय देने के लिए। आशा है आप निरंतर आगे बढ़ते रहें ।
अगर आप ऐसे ही अपने क्षेत्र के किसी व्यक्ति का इंटरव्यू चाहते हैं तो हमें लिख भेजे। हम उनका इंटरव्यू। अवश्य लेंगे।
No comments:
Post a Comment
कोई भी परेशानी हो तो बताने कि कृपा करें। नमस्कार।।