सन् 1968 दिन 25 फरबरी, भारत के लिए वो दिन था जो आने वाले सालों के लिए उसका भविष्य लिख रहा था। सत्ता इंदिरा गांधी के हाथो में थी जो लाल बहादुर शास्त्री के रहस्यमई मौत के बाद उन्हें मिली थी। मौत रहस्यमई होने के साथ साथ साजिश का इशारा इसलिए से रहा था क्युकी भारत के प्रधानमंत्री जिनकी विदेश में हत्या हुई थी उनके मरने के बाद उनके शरीर का पोस्टमॉर्टम भी नहीं करवाया गया। कहते हैं शास्त्री जी के पास कुछ था देश को देने के लिए। खैर इंदिरा जी ने जब सत्ता संभाली तो देश को एक नई शसक्त महिला के दर्शन हुए और उन्होंने ऐतिहासिक भूमिका निभाते हुए रॉ का निर्माण किया और पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया। लेकिन आज चर्चा उनकी नहीं करनी, चर्चा उनकी करनी है जिनके बारे में कोई बात नहीं करना चाहता और जिसे हम कहते है भारत की सबसे रहस्यमई महिला।
इंदिरा गांधी के शादी के बाद उनके दो बेटे हुए। बड़े राजीव गांधी और छोटे संजय गांधी। जहां संजय मांाा को उनकी विरासत संभालने में मदद करते वही राजीव पायलट बन गए। लेकिन असली कहानी अब शुरू होती है जब राजीव गांधी की शादी हुई। 25 फरवरी 1968।
उस वक्त में बिहार के ललित नारायण मिश्रा इंदिरा गांधी सरकार में सबसे अव्वल दर्जे के नेता थे। कुछ जानकारों का मानना है कि वो प्रधानमंत्री के रेस में इंदिरा गांधी को टक्कर देते थे। और ये उस कड़ी के पहले शक्स थे जिसकी बात हम आगे करने जा रहे हैं। समस्तीपुर रेलवे स्टेशन दिनांक 3 जनवरी 1975 । बॉम्ब धमाका हुआ मिश्रा जी बुरी तरह जख्मी थे । इलाज के लिए उन्हें हेलीकॉप्टर या खाली रास्ते से नहीं वहां ले सबसे व्यस्त मार्ग से ले जाया गया और रास्ते में ललित बाबू ने दम तोड़ दिया। सवाल उठते रहे पर जवाब किसी ने नहीं दिया।
दूसरा नाम आता है अपने वक्त के सबसे कद्दावर और ताकतवर सख्श का और वो थे संजय गांधी। रोज़ अपने शौकिया अंदाज में प्लेन उड़ाने वाले संजय गांधी के साथ उस दिन अचानक क्या हुआ की हवा उनके मौत का पैग़ाम सुनते हुए आई। दिन था 23 जून 1980। संजय के मौत के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि मेनका गांधी और वरुण गांधी अलग रहने लगे। आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने कांग्रेस के विरोधी भाजपा को ज्वाइन किया। क्या किसी शाजिस के तहत संजय को मार दिया गया था? क्या संजय किसी कि राह में आ रहे थे या वो ऐसे सख्श थे जो प्रधानमंत्री कि कुर्सी को किसी से दूर ले जा रहे थे? बहरहाल इसके बाद सत्ता राजीव गांधी को मिली ये सब जानते हैं।
तीसरा नाम आता है भारत की दुर्गा कहीं जाने वाली और भारत की सबसे मजबूत प्रधानमंत्री में से एक इंदिरा गांधी का। क्या वो सच में ऑपरेशन ब्लू स्टार था जिसके कारण इंदिरा जी की हत्या हुई थी या वजह कुछ और था। आखिर 31 अक्टूबर 1984 को ऐसा क्या था कि एम्बुलेंस का ड्राइवर को हमेशा होता था वह मौजूद नहीं था। जब बेअंत सिंह ने अपनी पिस्टल नीचे रख दी फिर भी उसे जान से क्यों मार दिया गया क्या उसके सीने में कुछ राज दफन था जो उसके साथ ही खत्म हो गया? बेअंत सिंह के गोली चलने के बाद भी कुछ देर बाद तक उसका साथी सतवंत सिंह स्तब्ध अवस्था में क्यों खड़ा रहा? आपको आगे बढ़ने से पहले बताता चलू की इंदिरा गांधी ने ही भारत को रॉ दिया। हरित क्रांति भी उन्हीं की देन थी। उनके समय में भारत तेजी से तरक्की कर रहा था। उनके मौत ने क्या किसी सख्श के लिए सिंहासन तैयार कर दिया था? या भारत किसी ऐसे विदेशी हाथो में जाने वाला था जिसका अतीत कोई नहीं जानता।
चौथे नंबर पर फिर से भारत के प्रधानमंत्री आते हैं, स्वर्गीय राजीव गांधी। भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री। जिनकी हत्या लिट्टे नाम के संगठन ने कर दी। प्रभाकरांग द्वारा संचालित इस आतंकवादी दस्ते ने मानव बॉम्ब के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या 21 मई 1991 को कर दी। दोषियों में नलिनी, मुरुगन, पेरारिवलन था। अभी तक आश्चर्य की कोई बात नहीं थी आश्चर्य तो तब होता है जब सोनिया गांधी ने इन सब के लिए रिहाई की मांग करते हुए कहा कि वो इन्हे माफ़ कर रही है। आखिर कैसे कोई अपने पति के हत्यारों के लिए रिहाई कि मांग कर सकती है। आपको भी कोई साजिश कि बू आ रही है क्या?
इसके बाद बहुत सारे लोग आते है जिनकी कर ऐक्सिडेंट या हवाई यात्रा के दौरान विचित्र तरीके से दुर्घटना हुई और वो काल के गाल में समा गए।
हैरानी की बात तो यह है कि प्रधानमंत्री कि कुर्सी के पास जो जो पहुंचा या पहुंचना चाहता था सब मारे गए बाद शर्त ये थी कि वो गांधी परिवार का चाटुकार ना हो या कहे तो उनका गुलाम ना हो। अब चाहे राजेश पायलट को ले लीजिए या फिर माधवराव सिंधिया को।
जहां राजेश पायलट की मौत एक कर दुर्घटना में हो गई वहीं माधव राओ सिंधिया 30 सितंबर 2001 को 5 पत्रकार के साथ हवा के अपने प्लेन में दुर्घटनग्रस्त हो गए। कैसे एक के बाद एक कांग्रेस नेता जो कल के प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे या पता नहीं जिन्हें और भी बहुत कुछ पता था वो मार दिए गए और सवाल तक नहीं उठे।
वैसे भी सोनिया गांधी का अतीत आज इस देश में कौन जनता है। वो सच में एक बार डांसर थी या किसी साजिश के तहत राजीव गांधी से उनका विवाह हुआ था किसी को नहीं पता।
कैसे इंदिरा गांधी ने अपनी स्वदेशी बहू के सामने विदेशी बहू को प्राथमिकता दी? कैसे वरुण गांधी को उनके पैतृक कांग्रेस पार्टी से दूर रखा गया? आखिर क्या है मेनका गांधी का भाजपा से जुड़ने का राज? कैसे एक के बाद एक सारे कांग्रेस नेताओं का दुर्घटना के कारण मृत्यु हो गई? आखिर क्योंं राजीव गांधी के हत्यारों को सोनिया गांधी ने माफ़ कर दिया? आखिर कैसे इटली कि एक बार डांसर भारत की सबसे ताकतवर महिला बन गई?
सवाल बहुत सारे हैं जवाब आपको और हमे मिल कर ढूंढ़ना है, आइए सत्य की तलाश में हमारा साथ दे और अगर आप कुछ विशेष जानते हैं तो कॉमेंट में बताएं।
धन्यवाद
Sahi baat hai ispar to kabhi gaur hi nahi kiya
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