आइए आज हम चेतन भगत की latest किताब one arranged murder की review आपको बताते हैं।
तो कहानी कुछ ऐसे शुरू होती है कि केशव और सौरभ जो कि अच्छे दोस्त थे और detective बन चुके थे उनके बीच अब खटपट शुरू हो गई थीं और सौरभ कुछ दिनों से केशव से बात नहीं कर रहा था। खटपट की वजह थी सौरभ कि मंगेतर प्रेरणा जो की सौरभ कि तरह ही overweight थी। और केशव ने सौरभ को एक दो बार इस के बारे में बोल दिया था जो की सौरभ को पसंद नहीं आया । उसके बाद केशव बार बार अलग अलग लड़कियों को लेकर अपने घर आता था जिसके कारण सौरभ और उसकी मंगेतर को परेशानी होती थी। एक बार तो केशव अर्धनग्न अवस्था में सौरभ और प्रेरणा के सामने चला गया था और अनजाने में मोटी बोल दिया था जो प्रेरणा ने सुन लिया था जिसके बाद सौरभ ने केशव से अलग होने का मन बना लिया था।
प्रेरणा एक बड़े घर की बेटी थी जो कि entrepreneur थी और उसका बिजनेस अच्छा चल रहा था। आज प्रेरणा ने सौरभ के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था और सौरभ उसे मिलने उसके घर जा रहा था। सौरभ पीछे के दरवाजे से अंदर घुसा और सीढ़ियों से दबे पांव छत कि ओर बढ़ गया जहां प्रेरणा सज धज कर उसका इंतज़ार कर रही थी। सौरभ छत पर पहुंचा और धीरे से आवाज़ लगाया मेरी जलेबी कहा हो तुम? और आगे बढ़ा। सौरभ ने देखा कि छत के एक कोने में लाल और सुनहरा दुपट्टा पड़ा हुआ है उसी के थोड़ा आगे जाली जिससे प्रेरणा चांद को देखने वाली थी वो दिखा। सौरभ सोच में पड़ गया की आखिर प्रेरणा गई कहा? क्या वो सोने चली गई या किसी ने उसे नीचे बुला लिया। यही सोचते हुए वो प्रेरणा का मोबाइल नंबर डायल करने लगा लेकिन उससे कोई reaponse नहीं आया। तब तक उसे नीचे से शोर सुनाई दिया और सौरभ ने सोचा कि शायद प्रेरणा नीचे उसी शोर को देखने गई हो और यही सोच कर सौरभ नीचे जाने के लिए मुड़ा । लेकिन सौरभ गेट तक पहुंचे इससे पहले प्रेरणा के पिताजी रमेश और दो और आदमी भागते हुए छत पर आए।
गुप्ता को की रमेश जी के पड़ोसी थे उन्होंने सौरभ का हाथ पकड़ा और छत से नीचे तक ले गए कहा भीड़ लगी हुई थी। सौरभ ने सामने देखा तो उसके होश उड़ गए उसने देखा सामने प्रेरणा की लाश सड़क पर मुंह नीचे की तरफ कर के पड़ी हुई थी।
रमेश बहुत ही अमीर आदमी था। अपनी जीवन के शुरुआती दिनों में ये लोग बहुत गरीब हुआ करते थे और रमेश ने अपनी मेहनत से अपना अंपायर खरा किया था। रमेश का एक छोटा भाई भी था जो सिंगर बनना चाहता था और अपने भाई रमेश और भतीजी प्रेरणा से चिढ़ता था। प्रेरणा की एक बिजनेस पार्टनर भी थी जो रमेश के बिजनेस पार्टनर की बेटी थी।
अब तक घर के सभी लोग भी जमा हो चुके थे। पुलिस आने ही वाली थी । और सबके मन में एक ही सवाल घूम रहा था! आखिर ये हुआ कैसे? क्या ये एक दुर्घटना थी या ये एक मर्डर था! क्या रमेश ने अपनी बेटी प्रेरणा को मारा या प्रेरणा के चाचा ने उसका कत्ल कर दिया? क्या प्रेरणा की पार्टनर का इसमें कुछ हाथ हो सकता है? या ये महज एक संयोग था और दुर्घटना थी। जानने के लिए जरूर पढ़े चेतन भगत की ये थ्रिलर mystery सेे सराबोर किताब।असली कातिल को जानने के लिए पढ़िए चेतन भगत की ये किताब
One arranged murder
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इस किताब को चेतन भगत की बेस्ट किताबो में से एक किताब कहा जाए तो कम नहीं होगा। और ये किताब THE GIRL IN ROOM 105 का 2nd part है।
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